दिल्ली हाईकोर्ट ने अभिनेता अजय देवगन को महिला सेलेब्रिटीज़ के साथ गलत और आपत्तिजनक स्थितियों में दिखाने वाले अभद्र और एआई से बनाए गए डीपफेक वीडियो को तुरंत हटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि ऐसी सामग्री पूरी तरह गलत, गैरकानूनी और नुकसान पहुँचाने वाली है।
यह अंतरिम आदेश जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने अजय देवगन की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें उन्होंने अपनी पहचान, छवि और व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा की मांग की थी। कोर्ट ने फिलहाल उन सामान्य पोस्टों या फैन-पेज द्वारा बनाए गए कंटेंट को हटाने से इनकार कर दिया, जिनमें बस उनकी तस्वीरें इस्तेमाल की गई हैं। कोर्ट ने कहा: 'फैन पेजों को कुछ छूट देनी ही पड़ेगी, सब कुछ हटाने को कहेंगे तो फैंस उसकी पहचान ही मिटा देंगे।’
अजय देवगन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील प्रवीण आनंद ने कोर्ट को बताया कि अमेज़न और अन्य ऑनलाइन साइट्स पर बिना इजाज़त के अजय देवगन के नाम और फोटो वाले पोस्टर, टी-शर्ट और कैप बेचे जा रहे हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस मुकदमे में कई मुद्दे एक साथ जोड़े गए हैं, जिन्हें इस समय एक साथ हल करना मुश्किल हो सकता है। मामले का मुख्य मुद्दा डीपफेक था। वकील ने कोर्ट को बताया कि एक यूट्यूबर अश्लील और झूठे एआई वीडियो फैला रहा है, जिनमें अजय देवगन को गलत तरीके से दिखाया गया है।
कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को समन जारी किए और ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को निर्देश दिया कि वे दो हफ्तों के भीतर उन अकाउंट्स की बुनियादी जानकारी दें, जिन्होंने आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट किए हैं। अगली सुनवाई 26 दिसंबर को संयुक्त रजिस्ट्रार के सामने होगी और फिर मामले पर 2026 में कोर्ट में विचार होगा। अजय देवगन की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि कई कंपनियाँ और अज्ञात लोग उनकी पहचान, फोटो, नाम और व्यक्तित्व का गलत इस्तेमाल करके पैसा कमा रहे हैं। नकली बुकिंग वेबसाइटें, फर्जी पोस्टर, बिना अनुमति वाली चीज़ें बेचने वाले ऑनलाइन विक्रेता और एआई से बने अश्लील वीडियो व तस्वीरें उनकी छवि को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
याचिका में बताया गया कि 'द आर्टिस्ट्स प्लानेट' नाम की वेबसाइट अजय देवगन की फोटो और नाम का इस्तेमाल करते हुए 'पेड अपीयरेंस' की फर्जी पेशकश कर रही है। वहीं अमेज़न, मीशो और रेडबबल जैसे प्लेटफॉर्मों पर कई विक्रेता उनकी तस्वीरों और नाम का इस्तेमाल कर सामान बेच रहे हैं।