मतदाता सूची में कई तरह की गड़बड़ियां होने का लगातार आरोप सामने आ रहा था। चुनाव आयोग का दावा है कि इस वजह से ही मतदाता सूची का गहन संशोधन यानी SIR किया जा रहा है। बिहार से लेकर कर्नाटक तक सभी जगहों पर कई तरह की गड़बड़ियां पकड़ी जा चुकी है।
कर्नाटक में जहां ब्राजिलियन मॉडल का नाम वोटर लिस्ट में शामिल होने का आरोप है तो कहीं 'डॉगेश बाबू' का नाम वोटर लिस्ट में शामिल करने के लिए आवेदन किया गया है। अब पश्चिम बंगाल में भी मतदाता सूची में ऐसी ही एक गड़बड़ी सामने आयी है जिसकी वजह चुनाव आयोग के समक्ष भी स्पष्ट नहीं है।
मतदाता सूची में गड़बड़ी का यह मामला पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले से सामने आयी है। मतदाता का नाम एक और फोटो भी एक। लेकिन राज्य के 44 विधानसभा केंद्रों में है नाम। फर्क बस इतना की हर जगह सरनेम अलग-अलग है।
क्या है पूरा मामला?
पश्चिम बर्दवान जिले के पांडवेश्वर विधानसभा केंद्र के वैद्यनाथपुर गांव के डीवीसी मुहल्ले की निवासी हैं मायारानी गोस्वामी। हाल ही में उनके घर BLO मायारानी का एन्यूमरेशन फॉर्म लेकर पहुंचे थे। प्रत्येक मतदाता के एन्यूमरेशन फॉर्म पर एक QR कोड है। उसे स्कैन करने पर ही BLO अपने मोबाइल पर मतदाता से जुड़े सभी जानकारियां अपने मोबाइल पर ही देख सकेंगे। BLO ने जब ऐसा किया, उसके बाद ही वह चौंक उठे। QR कोड स्कैन करते ही एक-एक कर राज्य के 44 विधानसभा केंद्रों के नाम सामने आ गए जहां मायारानी का नाम मतदाता सूची में है।
किन जगहों पर है नाम?
दार्जिलिंग से लेकर मुर्शिदाबाद, मिदनापुर से लेकर दक्षिण 24 परगना तक...कई जिलों व विधानसभा केंद्रों में उनका नाम अलग-अलग सरनेम के साथ मतदाता सूची में शामिल है। कहीं मायारानी गोस्वामी, तो कहीं मायारानी मंडल या राय। बताया जाता है कि मायारानी के पति गौर गोस्वामी की काफी समय पहले ही मौत हो चुकी है। उनके नाम के साथ भी कई सरनेम का उपयोग किया गया है। लेकिन राज्य के 44 विधानसभा केंद्रों के मतदाता सूची में उनका नाम कैसे शामिल किया गया है? इस सवाल ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है।
कैसे हुआ, नहीं जानती - मायारानी
इस बारे में मायारानी गोस्वामी का कहना है कि मुझे इस बारे में कुछ भी पता नहीं है। शनिवार को मुझे पता चला कि मेरा नाम कई जगहों पर है। ऐसा कैसे हुआ, मुझे नहीं पता है। स्वाभाविक तौर पर इस मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। वैद्यनाथपुर अंचल के तृणमूल सभापति रॉबिन पाल का कहना है कि मायारानी को हम जानते हैं। लोगों के घरों पर खाना पकाकर किसी तरह से अपना परिवार चलाती हैं। पति की मौत काफी पहले ही हो चुकी है। राज्य के 44 विधानसभा केंद्रों में नाम शामिल करना, उनके लिए असंभव है। कहीं कुछ गड़बड़ी जरूर हुई है। चुनाव आयोग जांच करें।
घटना के बारे में जानकर दुर्गापुर-बर्दवान लोकसभा केंद्र के तृणमूल सांसद कीर्ति आजाद भी अचंभित हैं। उन्होंने कहा, 'यह एक भयंकर घटना है। चुनाव आयोग उचित जांच करें और समस्या का समाधान करें।' वहीं भाजपा ने इसके लिए तृणमूल पर दोषारोप किया है। पांडवेश्वर के भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने कहा कि इस घटना से पता चल रहा है कि SIR कितना जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह के फर्जी वोटर ही तृणमूल की शक्ति हैं। दुर्गापुर की AERO (एसिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) रंजना राय का कहना है कि अभी तक इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलती है तो उसकी जांच की जाएगी।