जहर देकर प्रवासी पक्षियों को मारने के आरोप लगाया गया है। रविवार को यह मामला पश्चिम मेदिनीपुर के बेलदा पुलिस स्टेशन के अंबिडांगर इलाके की बतायी जाती है। इलाके में 100 से ज्यादा मृत पक्षी पाए गए जिसमें देसी पक्षियों के साथ-साथ प्रवासी पक्षी भी शामिल थे। घटना की जानकारी मिलते ही बेलदा वन विभाग तुरंत मौके पर पहुंचा। बेलदा पुलिस स्टेशन के हेमचंद्र ग्राम पंचायत के अंबीडांगर गांव में बरगद के कई पुराने और विशाल पेड़ हैं।
बताया जाता है कि सर्दियों के मौसम में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी उन बरगद के पेड़ों पर आते हैं। इसके साथ ही कई देसी पक्षी भी बरगद के फल खाने के लिए उन पेड़ों पर आते हैं। रविवार की सुबह स्थानीय लोगों ने पेड़ के पास और गांव के अलग-अलग हिस्सों में 100 से ज्यादा पक्षियों को मरा हुआ पाया।
मिली जानकारी के मुताबिक यह मामला कई प्रकृति प्रेमियों के ध्यान में आया। उन्होंने बेलदा वन विभाग को इसकी जानकारी दी। जानकारी मिलते ही वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मौके से मरे हुए पक्षियों को इकट्ठा किया। वन विभाग से मिली जानकारी मुताबिक ज्यादातर पक्षी ग्रीनफिंच, कॉपर स्मिथ बारबेट, कौआ, मैना, शालिक और क्रेन जैसे कई बड़े प्रवासी पक्षी हैं। स्थानीय सूत्रों का दावा है कि इलाके के आदिवासी समुदाय ने पक्षियों के शिकार के लालच में बरगद के पेड़ पर पेस्टीसाइड स्प्रे कर दिया।
कहीं मछलियों में जहर मिलाकर पेड़ पर छोड़ दिया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उस फल या मछली को खाने की वजह से ही 100 से ज्यादा पक्षी मर गए। स्थानीय पर्यावरणविद और वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम के सदस्य संदीप दास का कहना है कि रविवार की सुबह पक्षियों को ऐसे पड़ा देखकर मैंने वन विभाग को इसकी सूचना दी। मैंने और मेरी टीम के सदस्यों ने कई पक्षियों की देखभाल करके उन्हें बचाने की कोशिश की। लेकिन जिस तरह से जहर देकर पक्षियों को मारा जा रहा है उससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाएगा।
बेलदा वन विभाग के रेंजर तौहीद अंसारी ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद हमारी टीम मौके पर पहुंची। मरे हुए पक्षियों के सैंपल इकट्ठा कर लिए गए हैं। इलाके के मूल निवासियों ने पक्षियों के शिकार की लत के कारण ऐसा किया है। उनकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है। इलाके में जागरूकता फैलाने का काम भी किया जा रहा है।