नदिया में BLO का फंदे से लटकता हुआ शव बरामद, सुसाइड नोट में चुनाव आयोग पर लगाया 'आरोप'

घटनास्थल से एक 'सुसाइड नोट' भी बरामद हुआ है। दावा किया जा रहा है कि इसमें मृतका ने चुनाव आयोग पर ही दोषारोप किया है।

By Moumita Bhattacharya

Nov 22, 2025 11:31 IST

नदिया के चापड़ा में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की अप्राकृतिक मौत का मामला सामने आया है। मृतका का नाम रिंकु तरफदार (54) बताया जाता है। वह बांग्लाझी स्वामी विवेकानंद विद्यामंदिर की पैरा शिक्षिका थी। चापड़ा 2 नंबर पंचायत की 201 नंबर बूथ पर वह BLO के तौर पर कार्यरत थी।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह परिजनों ने कृष्णनगर कोतवाली थाना के षष्ठीतला इलाके की निवासी रिंकु को फंदे से लटकता हुआ पाया। तुरंत स्थानीय डॉक्टर के पास ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद घटना की जानकारी कोतवाली थाना को दी गयी।

पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार घटनास्थल से एक 'सुसाइड नोट' भी बरामद हुआ है। दावा किया जा रहा है कि इसमें मृतका ने चुनाव आयोग पर ही दोषारोप किया है। बताया जाता है कि मृतका के शव को शक्तिनगर जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। कृष्णनगर कोतवाली थाना की पुलिस ने अस्वाभाविक मौत का मामला दायर कर जांच शुरू कर दी है। बताया जाता है कि परिवार की तरफ से अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं करवायी गयी है। हालांकि परिवार का दावा है कि राज्य में चल रही SIR की प्रक्रिया की वजह से रिंकु तरफदार पर काम का दबाव काफी ज्यादा बढ़ गया था।

मिली जानकारी के अनुसार सुसाइड नोट में मृतका BLO ने आरोप लगाया है कि वह पैरा टीचर हैं, उनका वेतन बहुत कम है। ऑफलाइन का काम लगभग 75% पूरा हो गया है लेकिन वह टेकसेवी नहीं है, जिस कारण ऑनलाइन उन्हें थोड़ी परेशानी हो रही है। उनका आरोप है कि BDO ऑफिस व सुपरवाइजर को समस्या के बारे में बताकर भी कोई समाधान नहीं मिल सका है। अपने बच्चों के लिए उन्होंने 'सुसाइड नोट' में लिखा है,'जीवन में प्रतिष्ठित होना और पिता का ख्याल रखना।'

इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य का नाम वोटर लिस्ट में गलत होने की वजह से उसे ऑनलाइन नहीं बल्कि ऑफलाइन ही फॉर्म भरना होगा, इस बात का जिक्र भी उन्होंने इस नोट में किया है। उनके पास फॉर्म है, उसे उन्होंने कहां रखा है, इस बारे में भी उन्होंने लिख दिया है। शिक्षिका ने अफसोस करते हुए इस नोट में लिया है, 'अभी मेरे सुख का समय था, लेकिन इन लोगों ने जीने नहीं दिया।'

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