नई दिल्ली। केंद्रीय दिल्ली से चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जो देश भर में विभिन्न साइबर धोखाधड़ी के माध्यम से प्राप्त धनराशि को फनल करने और धोखाधड़ी में लिप्त म्यूल बैंक अकाउंट उपलब्ध कराने में शामिल थे। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने बड़े साइबर अपराध नेटवर्क के लिए मध्यस्थ का काम किया और म्यूल अकाउंट्स का प्रबंध किया।
म्यूल अकाउंट्स का काम
‘म्यूल अकाउंट’ का अर्थ है ‘‘पैसे की हेराफेरी के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला बैंक खाता’’। पुलिस ने बताया कि धोखाधड़ी से प्राप्त रकम को छोटे-छोटे हिस्सों में म्यूल अकाउंट्स में जमा किया जाता था। इसके बाद यह राशि निकाली जाती और मुख्य अपराधी को दी जाती थी। म्यूल अकाउंट धारक अपनी सुविधा अनुसार कमिशन के रूप में राशि रखते थे।
मुख्य गिरफ्तारी
दिल्ली के किशन गंज निवासी समीर के बैंक अकाउंट में 1 मई को 50,000 रुपये की धोखाधड़ी वाली क्रेडिट ट्रांजैक्शन पकड़ी गई। पूछताछ में समीर ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने सहयोगी शिवम राठौर के निर्देश पर 1,60,760 रुपये की धोखाधड़ी राशि जमा की थी।
शास्त्री नगर में एक छापेमारी में 20 वर्षीय शिवम को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने अपने अन्य सहयोगी संदीप (22) की जानकारी दी।
तीसरे छापे में संदीप को गिरफ्तार किया गया। उसने स्वीकार किया कि उसने अपने साथी सुमित (जो फिलहाल फरार है) के लिए कई म्यूल अकाउंट्स की व्यवस्था की थी। संदीप ने यह भी माना कि उसने अजय (31, मलका गंज निवासी) को अपने अकाउंट का इस्तेमाल करने के लिए राजी किया और उसके बदले में 10 प्रतिशत कमिशन लिया।
चौथे छापे में अजय को गिरफ्तार किया गया। उसने स्वीकार किया कि उसने धोखाधड़ी लेन-देन के लिए अपने बैंक अकाउंट की अनुमति दी और 92,000 रुपये निकाले जो संदीप को सौंपे।
दो अंतरराज्यीय साइबर अपराध मामले सुलझाए गए
पुलिस ने बताया कि इन गिरफ्तारियों से फरीदाबाद और तेलंगाना के वारंगल में दर्ज दो अंतरराज्यीय साइबर अपराध मामलों को हल करने में मदद मिली। पुलिस अब मुख्य आरोपी सुमित की तलाश कर रही है और नेटवर्क से जुड़े अन्य म्यूल अकाउंट्स की पहचान करने का प्रयास कर रही है।