कोच्चिः कहावत है कि इच्छा हो तो उपाय भी हो जाता है! कोच्चि के दो BLO ने यह कर दिखाया। कुल 12 राज्यों में SIR का काम चल रहा है, जिसमें केरल भी शामिल है। SIR के लिए एन्यूमरेशन फॉर्म वितरित करना, नागरिकों से भरे हुए फॉर्म इकट्ठा करना, उनका सत्यापन करना, जमा करना, डेटा एंट्री— इन सभी कार्यों के लिए आयोग ने एक महीने की अवधि 4 नवंबर से 4 दिसंबर अर्थात एक महीना तय की है। लेकिन कोच्चि के इन दो BLO ने यह काम सिर्फ 17 दिनों में ही पूरा कर लिया। कोच्चि के कोठामंगलम लोकसभा क्षेत्र के थात्तेक्कर किरामपारा पंचायत के 56 नंबर बूथ की जिम्मेदारी श्रीदेवी के पास है। वह कोठामंगलम के एक सरकारी दफ़्तर में काम करती हैं। दूसरी ओर, पेरुम्बावूर क्षेत्र के 76 नंबर बूथ के BLO हैं के.टी.के. एलधो पॉल, जो एक स्थानीय हाई स्कूल में चपरासी के रूप में कार्यरत हैं। एक मलयालम अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार दोनों ने 17 नवंबर तक अपने बूथ क्षेत्रों का SIR का सारा काम पूरा कर लिया। केवल तेरह दिनों में ही अपने क्षेत्र का 100% काम समाप्त कर दिया था।
उन्होंने काम कैसे किया?: किरामपारा पंचायत क्षेत्र में हाथियों का आतंक है और कई जगह तो बहुत दूर-दराज़ हैं, जहाँ संपर्क व्यवस्था भी अच्छी नहीं है। ऐसे क्षेत्र में श्रीदेवी ने 995 फॉर्म वितरित किए। वह खुद टू-व्हीलर चलाकर घर-घर पहुँचीं। उन्होंने विशेष रूप से 2002 की मतदाता सूची से जुड़े हिस्सों को भरने में लोगों की मदद पर ध्यान दिया ताकि किसी को दिक्कत न हो। उनका कहना है कि मैं काम जल्दी इसलिए पूरा कर पाई क्योंकि यहाँ के लोगों ने बहुत सहयोग किया। स्थानीय निवासी खुद बताते और दिखाते थे कि कौन कहाँ रहता है और किस घर तक कैसे पहुँचना है। दूसरी ओर, एलधो पॉल रोज़ अपनी साइकिल लेकर क्षेत्र में घूमते थे। उनका क्षेत्र पहले से ही उनके लिए परिचित था। उन्होंने पूरे बूथ क्षेत्र को कई हिस्सों में बाँट लिया था। वे कहते हैं कि मैं सुबह छह बजे से काम शुरू कर देता था। कई घरों में 4–5 बार भी जाना पड़ा। एलधो पॉल ने बताया कि एक दिन में उन्हें 200 फॉर्म की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करनी पड़ी। यह काम इसलिए आसान हुआ क्योंकि उनका बेटा भी इस काम में मदद करता था।
पश्चिम बंगाल में भी जारी है SIR का कामः पश्चिम बंगाल में भी SIR की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन कई लोग इस बात को लेकर संशय में हैं कि क्या यह पूरा काम एक महीने में सही और त्रुटिरहित तरीके से पूरा हो पाएगा। राज्य के कई BLO का कहना है कि तय समय में पूरी प्रक्रिया खत्म करना बहुत कठिन है। कई BLO भारी मानसिक दबाव में हैं। साथ ही राजनीतिक दलों का दबाव भी झेलना पड़ रहा है। कई BLO को अपनी नियमित नौकरी के बाद यह काम करना पड़ रहा है। काम के दबाव के कारण कई लोग बीमार भी पड़ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि काम के बोझ के चलते पश्चिम बंगाल, गुजरात, हरियाणा और केरल में चार BLO की मौत भी हो चुकी है। लेकिन इन सबके बीच कोच्चि के इन दो BLO ने समय से बहुत पहले SIR का काम पूरा कर मिसाल कायम की है-यह कहना गलत न होगा।