दिल्ली के लाल किला विस्फोट की जांच में चौंकाने वाली जानकारी। विस्फोटक तैयार करने के लिए यूरिया पीसने में आटा चक्की का इस्तेमाल करता था आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल शाकिल गनाई। हरियाणा के फरीदाबाद के एक कार चालक के घर में भी वह मशीन रखी गई थी। जांचकर्ताओं का दावा है कि मुजम्मिल आटा चक्की में यूरिया को पीसकर पाउडर बनाता था। एक अन्य मशीन की मदद से उसे शुद्ध करता था। उसके बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी की लैब से चुराए गए केमिकल के साथ मिलाकर वह विस्फोटक तैयार करता था।
लाल किला विस्फोट से एक दिन पहले ही फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए। जिस कमरे से यह विस्फोटक मिले, वह कमरा जम्मू–कश्मीर के पुलवामा निवासी मुजम्मिल ने किराए पर ले रखा था। वहीं से वह आटा चक्की भी मिली है।
पता चला है कि पहले उस मशीन को मुजम्मिल ने एक टैक्सी चालक के घर में रखा था। जिस घर को वह डॉक्टर किराए पर लिए हुए था, वहां से आटा चक्की, एक धातु गलाने की मशीन और कई अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, उस टैक्सी चालक ने जांचकर्ताओं को बताया कि डॉक्टर ने उससे कहा था कि बहन की शादी में उपहार देने के लिए वह मशीनें लाई गई हैं। बाद में मुजम्मिल उन्हें अपने पास ले गया। जांचकर्ताओं का दावा है कि इन्हीं मशीनों का इस्तेमाल बम तैयार करने में किया गया।
दिल्ली की घटना की जांच NIA कर रही है। टैक्सी चालक ने जांचकर्ताओं को बताया कि लगभग चार साल पहले वह अपने बेटे के इलाज के लिए अल-फलाह मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया था तभी उसकी पहचान मुजम्मिल गनाई से हुई। चालक से भी पूछताछ की जा रही है।
जांचकर्ताओं का दावा है कि पूछताछ में मुजम्मिल ने स्वीकार किया है कि उसी आटा चक्की में वह यूरिया घिसकर बारीक पाउडर बनाता था और इलेक्ट्रिक मशीन से उसे अलग किया जाता था। लंबे समय से इसी तरीके से वह विस्फोटक जमा कर रहा था।
आत्मघाती हमले की योजना बनाकर संदिग्ध आतंकी डॉक्टर पहले से तैयारी कर रहे थे। लाल किला हमले की तैयारी लगभग 3 साल से चल रही थी। 10 नवंबर को हुए इस हमले में 15 लोगों की मौत हुई। इसके बाद सामने आया “व्हाइट कॉलर मॉड्यूल”।