बीरभूम में 52 वर्षीय एक प्रौढ़ की मृत्यु दिल की बीमारी से हो गयी लेकिन परिवार का आरोप है कि SIR के डर से ही प्रौढ़ की जान गयी है। परिवार का आरोप है कि जब से राज्य में चुनाव आयोग ने SIR की घोषणा की है, उसके बाद से ही प्रौढ़ काफी परेशान रह रहे थे। आरोप है कि SIR की घोषणा होने के बाद से वह दिन-रात काफी परेशान रहा करते थे, जिस कारण दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गयी। पर क्यों परेशान रहते थे उक्त प्रौढ़?
मृत प्रौढ़ का नाम विमान प्रमाणिक बताया जाता है जो वीरभूम के सैंथिया नगर निगर के वार्ड नंबर 14 के 124 नंबर बूथ के हेमंत बसू पल्ली इलाके के रहने वाले बताए जाते हैं। विमान के बड़े भाई विधान प्रमाणिक का दावा है कि वर्ष 2002 के वोटर लिस्ट में उनके भाई का सरनेम गलत था। उस वोटर लिस्ट में विमान प्रमाणिक का नाम विमान पाल लिखा था। उस वोटर लिस्ट में सरनेम के गलत होने की वजह से विमान काफी परेशान रहते थे। परिवार का आरोप है कि इस वजह से ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गयी।
गौरतलब है कि SIR की घोषणा के बाद ही उत्तर 24 परगना जिले के पानीहाटी में प्रदीप कर नामक एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी। उनके घर से एक सुसाइड नोट भी पुलिस ने बरामद किया था जिसमें NRC के डर का उल्लेख किया गया था। इसके अलावा राज्य के अलग-अलग हिस्सों में अब तक कई लोगों के SIR खौफ की वजह से आत्महत्या करने की खबरें भी सामने आ चुकी हैं।
SIR को लेकर राजनीतिक उठापटक भी लगातार जारी है। सत्ताधारी पार्टी तृणमूल का आरोप है कि पर्याप्त समय न देकर जल्दबाजी में SIR किया जा रहा है, जिस वजह से वैध मतदाताओं का नाम भी वोटर लिस्ट से कट जाने का खतरा पैदा हो जाएगा। वहीं भाजपा ने तृणमूल के खिलाफ मोर्चा खोलकर आम जनता को बेवजह डराने का आरोप लगाया है।