जोहानिसबर्ग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्रों में गहरे सहयोग की संभावनाओं को खोलने पर सहमति जताई। व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में संबंधों को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।
उल्लेखनीय है कि भारत–कनाडा संबंध 2023 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संभावित भूमिका के आरोपों के बाद बिगड़ गए थे। भारत ने इन आरोपों को बेतुका बताया था। हाल के महीनों में दोनों देशों ने संबंधों को सामान्य करने के लिए कई कदम उठाए हैं और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई तंत्रों को फिर से सक्रिय करने पर सहमति जताई है।
रविवार को मोदी और मार्क कार्नी की दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले वे जून में कनाडा के कानानास्किस में हुए G7 शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे। रविवार की मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर मोदी ने लिखा हम आने वाले महीनों में विशेष रूप से व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, नवाचार, ऊर्जा और शिक्षा के क्षेत्रों में संबंधों को और आगे बढ़ाने पर सहमत हुए। भारत और कनाडा के बीच व्यापार और निवेश के क्षेत्र में बहुत संभावनाएँ हैं। हमने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। कनाडा के पेंशन फंड भी भारतीय कंपनियों में गहरी रुचि दिखा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भारत–कनाडा द्विपक्षीय व्यापार 2024 में 30 अरब डॉलर को पार कर गया था। 2024 में भारत, कनाडा का सातवाँ सबसे बड़ा वस्तु और सेवा व्यापार साझेदार था।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों में मजबूत गति का स्वागत किया। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि कार्नी ने फरवरी 2026 में भारत द्वारा आयोजित किए जाने वाले AI सम्मेलन का समर्थन किया। विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों नेताओं ने उच्च-स्तरीय समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर वार्ता शुरू करने पर सहमति जताई, जिसका लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक दोगुना करना है। दोनों पक्षों ने दीर्घकालिक यूरेनियम आपूर्ति व्यवस्था सहित नागरिक परमाणु सहयोग को बढ़ाने पर विचार-विमर्श का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री कार्नी को भारत दौरे का आमंत्रण दिया।