इमरान खान की बहन अलीमा खान एंटी-टेररिज़्म कोर्ट में पेश

अदालत ने सभी गिरफ्तारी वारंट रद्द किए, संपत्ति ज़ब्ती की प्रक्रिया रोकी—फ्रीज़ बैंक खातों की बहाली की अर्जी मंजूर।

By श्वेता सिंह

Nov 20, 2025 21:22 IST

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और जेल में बंद इमरान खान की बहन अलीमा खान गुरुवार को रावलपिंडी की एंटी-टेररिज़्म कोर्ट (ATC) में पेश हुईं। यह पेशी तब हुई जब उनके खिलाफ जारी करीब दर्जनभर गिरफ्तारी वारंट लगातार निष्पादित नहीं हो सके थे। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें 26 नवंबर 2024 को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (PTI) की ओर से हुए एक विरोध प्रदर्शन से जुड़े मामले में तलब किया गया था। सादिकाबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज इस केस में सरकारी विरोध में नारेबाज़ी, तोड़फोड़ और पथराव जैसे आरोप शामिल हैं।

लगातार आदेश न मानने पर अदालत ने कहा- ‘कानूनी तौर पर गिरफ्तार’

अलीमा केवल तब अदालत पहुंचीं जब उनकी संपत्तियों की ज़ब्ती, बैंक खातों को फ्रीज़ करने और राष्ट्रीय पहचान पत्र व पासपोर्ट को ब्लॉक करने जैसी कड़ी कार्रवाइयां शुरू हो गईं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि न्यायिक आदेशों की अनदेखी के चलते अलीमा “कानूनी तौर पर गिरफ्तार” मानी जाती हैं। उनकी ज़मानत रद्द होने के बावजूद वे पहले पेश नहीं हुई थीं।

बचाव पक्ष- ‘200 केस हैं, हर सुनवाई में पहुंचना संभव नहीं’

बचाव पक्ष के वकील फैसल मलिक ने अदालत में कहा कि अलीमा के खिलाफ लाहौर, रावलपिंडी और इस्लामाबाद में करीब 200 मामले दर्ज हैं जिससे हर सुनवाई में पहुंचना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अलीमा अपने भाई, भतीजों और बहनों से जुड़े कई मामलों में भी सक्रिय हैं।

वकील ने बताया कि बीमारी के बावजूद अलीमा ने अदालत का सम्मान करते हुए उपस्थिति दर्ज कराई और उनसे किसी भी छूट के आवेदन में स्वास्थ्य को ध्यान में रखने की अपील की।

अदालत की चेतावनी-भविष्य की हर सुनवाई में समय से पेश हों

अदालत ने अलीमा को निर्देश दिया कि वे आगे से सभी सुनवाईयों में समय पर पेश हों और अदालत के आदेशों का पालन सुनिश्चित करें। अलीमा ने आश्वासन दिया कि वे हर सुनवाई में उपस्थित रहेंगी और नमल यूनिवर्सिटी, मियांवाली के खाते को डिफ्रीज़ करने की मांग की। उन्होंने अपने 15 फ्रीज़ बैंक खातों की बहाली के लिए याचिका भी दाखिल की, जिसे अदालत ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।

सभी 11 गिरफ्तारी वारंट रद्द, संपत्तियों की ज़ब्ती प्रक्रिया रोकी गई

अदालत ने अलीमा के सभी 11 लंबित गिरफ्तारी वारंटों को रद्द कर दिया। साथ ही पंजाब और इस्लामाबाद में उनकी संपत्तियों की ज़ब्ती की प्रक्रिया भी रोक दी गई। अलीमा ने इस मामले में आतंकवाद की धारा—एंटी-टेररिज़्म एक्ट (ATA) की धारा 7—को चुनौती दी है और अदालत ने इस पर भी सुनवाई की मंजूरी दे दी। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक घंटे चली इस हाई-प्रोफाइल सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष ने वारंट रद्द करने और खातों की बहाली का कड़ा विरोध किया।

अगली सुनवाई 26 नवंबर को, पाँच गवाहों की गवाही होगी

कोर्ट ने दोनों पक्षों से अगली तारीख पर उन दो आवेदनों पर बहस करने को कहा है—अदालत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देने वाला आवेदन। बैंक खातों को अनफ्रीज़ करने का अनुरोध।

मामले की आगे की सुनवाई 26 नवंबर को होगी, जिसमें पाँच गवाहों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।

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