जरा सोचिए...सर्दियों की एक सुबह आप टहलने जाते हैं और वहां दिखता है बाघ के पंजे के ताजा निशान! शरीर में दौड़ गयी न सिहरन। कुछ ऐसा ही अनुभव गुरुवार की अहले सुबह कूलतली में ग्रामीणों को हुआ। मौपीठ-वैकुंठपुर ग्राम पंचायत के किशोरी मोहनपुर इलाके में कुछ गांव वाले सुबह ठाकुरान नदी की एक शाखा नदी के किनारे टहलने गए थे।
दावा किया जा रहा है कि वहां उन्हें कीचड़ में बाघ के पैरों का ताजा निशान दिखा है। अब गांव के सभी निवासी खौफ के साए में जी रहे हैं। घर से समूह में ही बाहर निकल रहे हैं। इस बात की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को भी दी जा चुकी है।
ताजा हैं पैरों के निशान
स्थानीय निवासियों का दावा है कि बाघ के पंजे के जो निशान कीचड़ में दिखाई दिए हैं वह ताजा है। संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि बाघ आसपास ही कहीं मौजूद है। बच्चों और बूढ़े ग्रामीणों को घर से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है। इस बारे में मैपीठ तटवर्तीय थाना को भी खबर दी गयी है।
वन विभाग के अधिकारियों ने इलाके में तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है। बाघ के पंजों के निशान, आकार और किस दिशा में वह गया है - इन सभी चीजों की जांच की जा रही है। इनकी जांच से ही बाघ के वर्तमान में कहां होने की संभावना है, इसका अंदाजा लगाया जा रहा है।
वन विभाग ने बढ़ाई गश्ती
मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों को सतर्क रहने की चेतावनी और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाने और न ही उन पर ध्यान देने का अनुरोध वन विभाग की तरफ से की गयी है। इसके साथ ही इलाके में वन विभाग के अधिकारियों ने गश्ती भी बढ़ा दी है।
बता दें, इससे पहले भी कुलतली में कई बार बाघ के पंजों के निशान पाए गए थे। इस साल जून में भी कुलतली के देउलबाड़ी गांव में नदी के चौर में बाघ के पंजों के निशान देखे गए थे।