साल्टलेक के स्वर्ण व्यवसायी स्वपन कामिल्या (48) के अपहरण और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर उत्तर बंगाल के राजगंज ब्लॉक के BDO प्रशांत बर्मन को चिह्नित तो किया गया लेकिन जिस दिन पुलिस ने बारासात में उत्तर 24 परगना जिला अदालत में रिपोर्ट जमा की, उसी दिन जिला न्यायाधीश शांतनु झा ने उनकी अग्रिम जमानत मंजूर कर दी। बताया जाता है कि प्रशांत बर्मन को बुधवार को ₹50,000 की अग्रिम जमानत पर रिहा भी कर दिया गया है। हालांकि न्यायाधीश ने BDO को इस शर्त पर ही जमानत दी है कि उन्हें जांच अधिकारियों के सामने सप्ताह में दो बार पेश होना पड़ेगा।
विशेष पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने पुलिस की रिपोर्ट में किसी को हिरासत में लेकर आगे की पूछताछ करने की आवश्यकता होने की बात जैसी मजबूत दलील पेश की। इसके न्यायाधीश द्वारा अग्रिम जमानत मंजूर कर देने की बात ने मृतक स्वपन कामिल्या के परिजनों के साथ ही उस वक्त बारासात कोर्ट में मौजूद अन्य वकीलों को भी हैरान कर दिया है। वकीलों ने सवाल उठाया कि अग्रिम जमानत से पहले ही पुलिस ने काफी समय लिया था और पुख्ता सबूत होने के बावजूद प्रशांत को इतने लंबे समय तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
BDO से पुलिस करना चाहती है पूछताछ
बता दें, राजगंज के BDO प्रशांत बर्मन पर साल्टलेक के दत्ताबाद के एक स्वर्ण व्यवसायी स्वपन कामिल्या को अपहरण कर हत्या करने का आरोप 28 अक्टूबर को लगाया गया था। आरोप है कि उक्त व्यवसायी ने BDO के उत्तर बंगाल वाले घर से चोरी हुए सोने के गहने खरीदे थे। इस आरोप में BDO प्रशांत बर्मन और उसके साथियों ने स्वपन का अपहरण कर उसे न्यू टाउन के AB ब्लॉक के मकान नंबर 67 में ले गए, जहां उन्होंने उसकी बुरी तरह पिटाई की।
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बताया जाता है कि यह घर प्रशांत बर्मन का ही है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर BDO के घर में चोरी हुई तो उन्होंने पुलिस को इस बारे में कोई जानकारी न देकर खुद क्यों मामले की जांच शुरू की? 29 अक्तूबर को स्वपन की लाश यात्रागाछी के बागजोला खालपार से बरामद की गयी थी। 31 अक्तूबर को मृतक के परिवार ने विधाननगर दक्षिण थाना में BDO और उसके कुछ साथियों के खिलाफ अपहरण व हत्या का मामला दायर किया।
पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद ही BDO के ड्राइवर राजू ढाली और उत्तर बंगाल के एक ठेकेदार तूफान थापा को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट की इंटेलिजेंस विभाग ने जांच अपने हाथों में ली। उन्होंने कूचबिहार के तृणमूल नेता सजल सरकार, जो BDO प्रशांत बर्मन के करीबी माने जाते हैं और उनके ड्राइवर विवेकानंद सरकार को गिरफ्तार किया। हालांकि मृतक के परिजन आरोपी BDO को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पुलिस ने आरोपी BDO से पूछताछ भी की है अथवा नहीं।
आधार कार्ड से निकाला गया था पता
इस बीच प्रशांत बर्मन ने बारासात में उत्तर 24 परगना जिला अदालत में अग्रिम जमानत का आवेदन दिया। बुधवार को सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर विभास चटर्जी ने न्यायाधीश को बताया कि स्वर्ण व्यवसायी हत्याकांड में BDO प्रशांत बर्मन के करीबी चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन BDO को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। आरोप है कि स्वपन की दुकान से उसका मोबाइल नंबर लेकर उसका आधार कार्ड निकाला गया।
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आधार कार्ड से उसका पता लेकर स्वपन का पश्चिम मेदिनीपुर में दांतन के घर से अपहरण किया गया। ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला कि व्यवसायी के शरीर पर चोट के 32 निशान थे। चटर्जी ने आरोप लगाते हुए कहा कि BDO ने खुद उसे जूते और बेल्ट से पीटा था जिसका वीडियो फुटेज पुलिस के पास मौजूद है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इसके बावजूद BDO को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि न्यू टाउन के जिस फ्लैट पर स्वर्ण व्यवसायी को पीटा गया था, वहां प्रवेश के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लगी हुई है। BDO के अलावा और कोई दरवाजा नहीं खोला जा सकता। इसलिए BDO को तुरंत गिरफ्तार करने की जरूरत है। साथ चटर्जी ने दावा किया कि अगर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया तो जांच पर इसका असर पड़ेगा।
उठ रहे सवाल
हालांकि दबंग BDO खुद के बेकसूर होने का लगातार दावा कर रहे हैं। उनका दावा है कि सीसीटीवी फुटेज फर्जी है और उसे एडिट किया गया है। लेकिन इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर उनका नाम होने की वजह से उन्होंने अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद अदालत ने सशर्त उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया है।
हालांकि उनको मिली अग्रिम जमानत के बाद ही यह सवाल उठ रहा है कि क्या प्रभावशाली होने की वजह से ही प्रशांत बर्मन को अग्रिम जमानत दे दी गयी। मृतक स्वर्ण व्यवसायी का परिवार इस समय काफी चिंतित है कि वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं और गवाहों को डरा सकते हैं।