राज्य में SIR प्रक्रिया जारी है। इसी दौरान 2002 की मतदाता सूची में नाम न मिलने को लेकर पुराने निवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शिकायतें मिल रही हैं कि कई लोग वर्षों से यहां के निवासी होने के बावजूद ECI की वेबसाइट पर उपलब्ध 2002 की ऑनलाइन सूची में अपना नाम नहीं खोज पा रहे। ऐसे में क्या होगा? राज्य में अब तक कितने लोगों का 2002 की सूची से लिंकेज नहीं मिला? क्या BLO का भत्ता बढ़ेगा? इन सभी सवालों का राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने जवाब दिया है।
2002 की सूची में नाम नहीं, तो क्या होगा?
कई मामलों में ऑनलाइन 2002 की सूची में किसी व्यक्ति का नाम नहीं दिखता, जबकि वह व्यक्ति ऑफलाइन फॉर्म भरकर जमा कर चुका है। अब जब BLO डिजिटल प्रक्रिया के दौरान ऑनलाइन डेटा अपलोड कर रहे हैं तो 2002 के साथ डेटा मैच न होने से समस्या सामने आ रही है।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में आयोग के पास मौजूद 2002 की हार्ड कॉपी को ऑफलाइन भरे गए फॉर्म के साथ मिलाकर देखा जाएगा। इस प्रक्रिया में ERO स्वयं जांच करेंगे और संबंधित मतदाता से बातचीत भी करेंगे।
26 लाख मामलों में नहीं मिला लिंकेज
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि अब तक राज्य में 6 करोड़ एन्यूमरेशन फॉर्म का डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है। इनमें से करीब 26 लाख मामलों में 2002 की सूची से लिंकेज नहीं मिल पाया है।
क्या BLO का भत्ता बढ़ेगा ?
इस पर अग्रवाल ने बताया कि BLO का भत्ता 18,000 रुपये ही रहेगा। 12,000 रुपये के साथ 6,000 रुपये के विशेष प्रोत्साहन को जोड़कर कुल राशि 18,000 तय हुई है। यह राशि BLO को वित्तीय वर्ष के अंत में मिलेगी यानी अगले वर्ष मार्च के आसपास।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चूंकि BLO डिजिटाइजेशन के दौरान अपने मोबाइल डेटा का उपयोग करके अपलोडिंग का काम कर रहे हैं, इसलिए राज्य के CEO ने चुनाव आयोग से उन्हें 500–1000 रुपये अतिरिक्त देने के लिए अनुरोध किया है।