माओवादी संगठन धीरे धीरे आत्मसमर्पण कर हार मान ले रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अगले वर्ष मार्च तक देश से माओवाद का पूर्ण सफाया करने का लक्ष्य तय किया है। छत्तीसगढ़ सहित माओवादी प्रभावित इलाक़ों में सुरक्षा बलों ने अभियान और तेज कर दिया है। इसी बीच, गृह मंत्रालय से इस अभियान को रोकने की अपील करते हुए माओवादियों की ओर से एक पत्र भी भेजा गया है। इसी दौरान बुधवार को छत्तीसगढ़ में 41 माओवादी सदस्यों ने आत्मसमर्पण भी कर दिया।
अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वालों में से 32 लोगों पर कुल 1.19 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा माओवादियों के पुनर्वास के लिए घोषित विशेष पैकेज के बाद से संगठन के सदस्य लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में 12 महिलाएं शामिल हैं। 41 में से 39 माओवादी दक्षिण सब-ज़ोनल ब्यूरो के सदस्य हैं।
बीजापुर एसपी ने यह भी कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी लोग CPI (माओवादी) की सशस्त्र इकाई PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) के विभिन्न बटालियन, कंपनी और मिलिशिया के सदस्य थे। इनमें पांडरू हापका उर्फ़ मोहन, बांदी हापका, लक्कू कर्सा, बदरू पुनेम, सुखराम हेमला, मंजुला हेमला, मंगली माडवी उर्फ़ शांति, जयराम कादियम और पांडो मड़काम के नाम पर 8–8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इसके अलावा, तीन माओवादियों पर 5–5 लाख, 12 पर 2–2 लाख और 8 कैडरों पर 1–1 लाख रुपये का इनाम था।
इस तरह, इस वर्ष अब तक केवल बीजापुर ज़िले में ही 560 माओवादी सदस्य समाज की मुख्यधारा में लौट चुके हैं। इसके अलावा 528 माओवादी गिरफ्तार हुए हैं और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 144 की मौत हुई है। पुलिस ने बताया कि सभी आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी सदस्यों को एकमुश्त 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है।