‘SIR’: काउंसलर कार्यालय में सिंगल माता-पिता की भीड़

नगर निगम में दस्तावेज़ के लिए लंबी कतार, हलफनामा और कानूनी प्रक्रियाओं की जटिलताएं।

By प्रीतम प्रतीक बसु, Posted by: श्वेता सिंह

Nov 26, 2025 01:26 IST

समाचार एई समय। राज्य में वर्तमान में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) का काम चल रहा है। इस प्रक्रिया के कारण नागरिकों में दस्तावेज़ों को लेकर जागरूकता और चिंता दोनों बढ़ गई हैं। इसी संदर्भ में, अपने बच्चों के भविष्य को लेकर सिंगल माताएं जो या तो तलाकशुदा हैं या उनके पति उन्हें छोड़कर चले गए हैं, कोलकाता के नगर परिषद काउंसलर कार्यालयों में बढ़ती भीड़ बना रही हैं।

सिंगल माताओं का नगर काउंसलर कार्यालयों में जमावड़ा

ये माताएं अपने बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र की प्रति लेने के लिए काउंसलरों से आवेदन कर रही हैं। वजह यह है कि बच्चा जन्म लेने के बाद अस्पताल द्वारा जारी किया गया प्रमाणपत्र असल में डिस्चार्ज सर्टिफिकेट होता है। इसके आधार पर ही नगर निगम से असली जन्म प्रमाणपत्र लेना होता है। लेकिन किसी भी कारणवश, कई माताओं ने नगर निगम से यह जन्म प्रमाणपत्र अभी तक नहीं लिया है। कुछ मामलों में असली जन्म प्रमाणपत्र छोड़े गए पिता के पास रह गया है। इस स्थिति में यह सुनिश्चित करना कि जन्म प्रमाणपत्र कैसे प्राप्त किया जाए, काउंसलरों के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो रहा है। इसलिए सिंगल माताओं और अनाथ बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र की प्रति पाने की प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग नगर परिषद में उठ रही है।

प्रक्रिया में जटिलताएं और समाधान की मांग

मध्य कोलकाता के बावबाजार वार्ड नंबर 48 के तृणमूल काउंसलर विश्वरूप डे ने नगर बोर्ड से यह पूछा है कि शहर में रहने वाले अनाथ बच्चों और ऐसी सिंगल माताओं के बच्चों के लिए जन्म प्रमाणपत्र की प्रति पाने की प्रक्रिया क्या होगी। उन्होंने इस प्रक्रिया को सरल बनाने की भी मांग की। विश्वरूप ने कहा, “SIR शुरू होने के बाद सुबह जैसे ही कार्यालय खुलता है, कई सिंगल माताएं आती हैं और पूछती हैं कि उनके बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र की प्रति कैसे मिलेगी। यह मामला मेरे लिए भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं था, इसलिए मैंने नगर बोर्ड से इस बारे में जानकारी मांगी।”

काउंसलर और नगर निगम की भूमिका

नगर निगम सूत्रों के अनुसार, एक समय में शहर में रहने वाले अनाथ बच्चों को जन्म प्रमाणपत्र देने का प्रयास किया गया था, लेकिन यह ज्यादा आगे नहीं बढ़ सका। वहीं, जो माताएं अकेले अपने बच्चे का पालन-पोषण कर रही हैं, उनके लिए विशेष व्यवस्था अभी तक नगर रिकॉर्ड में नहीं है। वही स्थिति ऐसे पिता के लिए भी है जो अकेले बच्चे को पाल रहे हैं। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जन्म प्रमाणपत्र की प्रति देने में सुरक्षा केवल माता या पिता के पास रहे, इस पर विशेष ध्यान दिया जाता है। एकतरफा जन्म प्रमाणपत्र देने पर भविष्य में अभिभावक नगर निगम के खिलाफ अदालत जा सकते हैं।

लंबी प्रक्रिया और भविष्य की चुनौतियां

नगर अधिकारियों के अनुसार, जन्म प्रमाणपत्र की प्रति पाने के लिए पहले फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट से हलफनामा लाना होगा। हलफनामे की प्रति के साथ नगर निगम में आवेदन करना होगा। इसके बाद नगर निगम के कानून विभाग के अधिकारी उस हलफनामे और तलाक के दस्तावेज़ों की जांच कर निर्णय लेंगे। नगर अधिकारियों ने भी माना कि इस पूरी प्रक्रिया में लंबी समयावधि लग सकती है।

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