वोटर सूची की विशेष गहन समीक्षा का विरोध और बिना शर्त नागरिकता की मांग के लिए ऑल इंडिया मतुआ महासंघ के सदस्य अनशन पर बैठे थे। अंततः सोमवार को 13 दिन बाद उन्होंने अनशन वापस ले लिया। हालांकि इस दिन अनशन मंच पर महासंघ के संघाध्यक्ष और तृणमूल की राज्यसभा सांसद ममताबाला ठाकुर बीमार पड़ गईं। बनगाँव अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। फिलहाल, उनके शारीरिक हालात स्थिर होने की जानकारी डॉक्टरों ने दी है।
मतदाता सूची में विशेष गहन संशोधन के विरोध में ममताबाला ठाकुर सक्रिय होकर हड़ताल पर बैठीं। उत्तर 24 परगना के ठाकुरबाड़ी में उनके साथ हड़ताल में ऑल इंडिया मतुआ महासंघ के साधु-गोंसाई भी शामिल हुए।
रविवार को ही हड़ताल वापस लेने का आवेदन देते हुए तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बंद्योपाध्याय ने पत्र लिखा। रविवार को हड़तालकारीयों से मिलने मंत्री शशी पांजा और स्नेहाशीष चक्रवर्ती गए। उनका कहना है कि आमरण अनशन कर बीमार होकर इस लड़ाई को नहीं लड़ा जा सकता। सभी को स्वस्थ रहते हुए केंद्र की इस साजिश के खिलाफ लड़ाई जारी रखनी होगी।
इसके बाद ही तय होता है कि सोमवार को अनशन समाप्त किया जाएगा लेकिन लगभग दोपहर 12 बजे ममता बाला बीमार पड़ जाती हैं। तुरंत उन्हें बनगाँव अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। लगातार अनशन के कारण उनका ब्लड प्रेशर कम हो गया और डीहाईड्रेशन के कारण वह बीमार पड़ गई, ऐसा डॉक्टरों ने बताया। उन्हें फिलहाल ICU में रखा गया है। वहीं उपचार चल रहा है। उनकी शारीरिक स्थिति फिलहाल स्थिर है।
कुछ समय बाद ही मतुआ महासंघ के सदस्य भूख हड़ताल वापस ले लेते हैं। संगठन के सचिव सुकेश विश्वास ने कहा, ‘अभिषेक बंद्योपाध्याय की अपील के बाद ही हमने इस दिन भूख हड़ताल वापसी का निर्णय लिया। उनके पहले संघाध्यक्ष बीमार पड़ गए थे। मतुआ चिंतित हैं। इसके बाद ही इस दिन भूख हड़ताल वापस ले ली गई।’
इस दिन भूख हड़ताल के मंच पर सीपीएम नेता सुजन चक्रवर्ती भी गए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से इस लड़ाई में भाग लेने की अपील की। सुजन ने कहा, ‘कई लोगों के नाम छूट गए हैं। हम उनके साथ हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने आंदोलन जारी रखने की भी जानकारी दी।