पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्यव्यापी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्वाचन आयोग 16 दिसंबर यानी की कल मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित करेगा। निर्वाचन अधिकारी अंतिम स्तर की तैयारियों में जुटे हुए हैं और आयोग का दावा है कि प्रक्रिया तय समय-सीमा के भीतर पूरी की जा रही है। मसौदा सूची पहले ही बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के आंतरिक एप पर अपलोड कर दी गई है, जिससे क्षेत्रीय अधिकारी बूथवार डेटा की समीक्षा कर सकें।
ऑनलाइन जांच और आपत्तियों की प्रक्रिया शुरू
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने सभी जिलों की वेबसाइट सक्रिय कर दी हैं, ताकि मतदाता मंगलवार से अपने नाम और विवरण ऑनलाइन जांच सकें। मसौदा सूची के प्रकाशन के साथ ही दावे, आपत्तियां और सुनवाई का चरण शुरू होगा, जो फरवरी 2026 तक चलेगा। जिन मतदाताओं के विवरण में विसंगति पाई जाएगी, उन्हें सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा। अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन की अस्थायी तिथि 14 फरवरी 2026 तय की गई है।
लाखों मतदाताओं पर सवाल, बड़े पैमाने पर जांच
निर्वाचन आयोग के अनुसार, SIR प्रक्रिया के दौरान 30 लाख से अधिक मतदाताओं को नो-मैपिंग श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि उनके नाम 2002 की मतदाता सूची से मेल नहीं खा पाए। इसके अलावा करीब 1.7 करोड़ मतदाताओं को विभिन्न स्तर की जांच में रखा गया है, जिनकी जानकारी की दोबारा पुष्टि BLO घर-घर जाकर करेंगे। आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक मसौदा सूची में 58 लाख से अधिक नाम हटाने के लिए चिन्हित किए गए हैं।
राजनीतिक विवाद और निर्वाचन आयोग की सफाई
मतदाता सूची के मसौदे से पहले जारी किए गए हटाए जाने वाले नामों के आंकड़ों ने राज्य की राजनीति को गर्मा दिया है। विपक्ष ने कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में अधिक नाम हटाए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह नियमों के तहत और निष्पक्ष है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि मसौदा सूची में शामिल या बाहर होना अंतिम फैसला नहीं है और सभी मतदाताओं को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलेगा।