नयी दिल्लीः अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू बाजार में चांदी की कीमत लगातार बढ़ रही है। पिछले पांच सत्रों से इसमें लगातार तेजी देखी जा रही है। इस वजह से चांदी की कीमत ने नया रिकॉर्ड बना लिया है। कीमतों में इस निरंतर बढ़ोतरी के चलते एसेट वैल्यू के मामले में चांदी ने अमेरिकी टेक दिग्गज एनवीडिया को भी पीछे छोड़ दिया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोमवार को प्रति औंस चांदी की कीमत 84 डॉलर पर पहुंच गई। यही रुझान भारत के बाजार में भी देखने को मिला। सोमवार को भारत में प्रति किलो चांदी की कीमत ढाई लाख रुपये का आंकड़ा पार कर गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सिल्वर मार्च फ्यूचर की कीमत में 5.99 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। इसके चलते प्रति किलो चांदी की कीमत 2 लाख 54 हजार 174 रुपये हो गई। एक साल पहले इसी दिन की तुलना में चांदी की कीमत में 180 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
हालांकि, चांदी की कीमत में नया रिकॉर्ड बनने के बाद ऊपरी स्तर से इसमें कुछ गिरावट भी देखने को मिली है। विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली (प्रॉफिट बुकिंग) के कारण यह गिरावट आई है। हालांकि इस रिकॉर्ड स्तर की वजह से चांदी, एनवीडिया से ज्यादा मूल्यवान एसेट बन गई है। एनवीडिया का मार्केट कैपिटलाइजेशन 4.63 लाख करोड़ डॉलर है, जबकि चांदी का एसेट वैल्यू 4.65 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, कई अहम कारणों से चांदी की कीमत आगे और बढ़ सकती है। मांग के मुकाबले आपूर्ति में कमी, जो किसी भी कमोडिटी की कीमत बढ़ने का मुख्य कारण होती है। औद्योगिक क्षेत्र में चांदी के उपयोग में तेजी जिससे मांग लगातार बढ़ रही है। डॉलर के कमजोर होने और भू-राजनीतिक तनाव के कारण सुरक्षित निवेश के रूप में चांदी की ओर निवेशकों का झुकाव भी कीमत बढ़ने की एक बड़ी वजह है। इसके अलावा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अगले साल फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में और कटौती करता है तो इससे चांदी के बाजार में तेजी का रुख बना रहने में मदद मिलेगी।