नयी दिल्लीः भारत की आईटी सेवा प्रदाता कंपनी कोफोर्ज (Coforge) ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआई क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए बड़े अधिग्रहण का रास्ता अपनाया है। कंपनी ने बताया है कि वह अमेरिका की एआई कंपनी एनकोरा (Encora) का अधिग्रहण कर रही है। इस सौदे का कुल मूल्य लगभग 2.35 बिलियन डॉलर है, जो भारतीय मुद्रा में करीब 21 हजार 104 करोड़ रुपये होता है।
इस अधिग्रहण के चलते कोफोर्ज की एआई क्षमता बढ़ेगी और अमेरिका व लैटिन अमेरिका के बाजारों में उसकी मौजूदगी और मजबूत होगी। वर्तमान में भारतीय आईटी कंपनियां एआई तकनीक से जुड़े नए प्रोजेक्ट्स में अधिक निवेश कर रही हैं। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्र भविष्य में बड़े राजस्व का स्रोत बन सकता है। एनकोरा मुख्य रूप से प्रोडक्ट इंजीनियरिंग, क्लाउड और डेटा इंजीनियरिंग से जुड़ी एआई सेवाएं प्रदान करती है। यह कंपनी एडवेंट इंटरनेशनल और वारबर्ग पिंकस द्वारा समर्थित है। कोफोर्ज के अनुसार मार्च 2027 तक एनकोरा की वार्षिक आय 2 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। 2027 वित्त वर्ष के भीतर इस सौदे से प्रति शेयर आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की भी उम्मीद की जा रही है।
प्रौद्योगिकी परामर्श कंपनी EIIR Trend के संस्थापक पारिख जैन के अनुसार इस सौदे के बाद कोफोर्ज भारत की सातवीं सबसे बड़ी आईटी कंपनी बन सकती है। इस सौदे के इक्विटी हिस्से का मूल्य लगभग 1.89 बिलियन डॉलर है। कोफोर्ज प्रेफरेंस शेयर जारी करके इस राशि की व्यवस्था करेगी। अधिग्रहण के बाद एनकोरा के शेयरधारकों को संयुक्त कंपनी में लगभग 20 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी। इसके साथ ही एनकोरा का कर्ज चुकाने के लिए कोफोर्ज अधिकतम 550 मिलियन डॉलर जुटाने की योजना बना रही है।
इस अधिग्रहण के परिणामस्वरूप उत्तर और दक्षिण अमेरिका के बाजारों में कोफोर्ज की स्थिति और मजबूत होगी। विशेष रूप से अमेरिका के पश्चिमी और मिड-वेस्ट क्षेत्रों में कंपनी की सदस्यता बढ़ेगी। लैटिन अमेरिका में एनकोरा के लगभग 3 हजार 100 कर्मचारियों की विशेषज्ञता भी इस कंपनी के साथ जुड़ जाएगी।
वित्त वर्ष 2025 में कोफोर्ज की आय 12,051 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है। वहीं एनकोरा की वार्षिक आय लगभग 510 मिलियन डॉलर थी। कोफोर्ज ने बताया है कि अगले चार से छह महीनों के भीतर इस सौदे के पूरा होने की उम्मीद है।