चालू वर्ष के शुरुआत से ही देश के शेयर बाजार में अस्थिर स्थिति बनी हुई है। साल भर विभिन्न कारकों से सेंसक्स और निफ्टी 50 प्रभावित हुए हैं। इस स्थिति के बावजूद म्यूचुअल फंड में वृद्धि जारी रही। पिछले साल की तुलना में यह लगभग 21 प्रतिशत बढ़ गई है। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की प्रकाशित रिपोर्ट में सामने आई है।
AMFI की जानकारी के अनुसार 31 दिसंबर 2024 तक म्यूचुअल फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 66.66 लाख करोड़ रुपये था। इस साल 28 नवंबर तक यह आंकड़ा 80.55 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसका मतलब लगभग 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड्स की पांच सब-कैटेगरी हैं। इनमें सबसे अधिक वृद्धि पैसिव फंड्स में हुई। 27 प्रतिशत बढ़कर यह 14.07 लाख करोड़ रुपये हो गया। पैसिव फंड्स की भी चार सब-कैटेगरी हैं। उनमें से गोल्ड ETF की वृद्धि सबसे अधिक हुई। 148 प्रतिशत बढ़कर गोल्ड ETF का एसेट अंडर मैनेजमेंट 44 हजार 595 करोड़ रुपये हो गया।
इसके अलावा हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स की भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले साल दिसंबर से इस साल नवंबर तक इस प्रकार के म्यूचुअल फंड्स में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस प्रकार के फंड्स का AUM 10.87 लाख करोड़ रुपये है। पिछले साल दिसंबर से इस साल नवंबर तक इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में भी 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस प्रकार के फंड्स का AUM 33.65 करोड़ रुपये है। इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की 11 प्रकार की कैटेगरी हैं। उनमें फ्लेक्सी कैप म्यूचुअल फंड की वृद्धि सबसे अधिक हुई (24 प्रतिशत)।
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