मुंबई:नए साल आने में अब सिर्फ पाँच दिन बाकी हैं। सांता सप्ताह में शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में से एक निफ्टी अपने सर्वकालिक उच्च स्तर के आसपास घूम रहा है। आंकड़े बताते हैं कि निफ्टी बुधवार को 26 हजार 139 अंकों पर ठहरा था। यानी यह सूचकांक अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से 0.7 प्रतिशत नीचे है। लेकिन समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक निफ्टी की ऐसी स्थिति को देखकर निवेशकों के पोर्टफोलियो का आकलन किया जाए, तो जमीन-आसमान का फर्क नजर आ सकता है। क्योंकि निवेशकों का एक बड़ा हिस्सा इस साल मुनाफा तो दूर, नुकसान से भी बाहर नहीं निकल पाया है।
आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ निफ्टी ही नहीं, उसका एक और साथी सेंसेक्स भी अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से 0.9 प्रतिशत नीचे है। लेकिन चालू वर्ष में शेयर बाजार की 1,000 हैवीवेट कंपनियों के शेयरों में से 60 प्रतिशत में निवेशकों का पैसा डूब गया है। जानकारी के अनुसार, 1,000 शेयरों में से 595 की कीमतें इस साल की शुरुआत के मुकाबले नीचे ही घूम रही हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इनमें से कई कंपनियों के शेयरों में 70 प्रतिशत तक निवेश मूल्य खत्म हो गया है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।
उल्लेखनीय है कि इस साल की शुरुआत से ही मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों की कीमतें लगातार गिरती गई हैं। बाद में कुछ मिडकैप कंपनियों के शेयरों में तेजी आने से निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में निवेशकों का नुकसान कुछ हद तक कम हुआ। लेकिन स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों की कीमतों में गिरावट ने निवेशकों की धड़कनें और तेज कर दी हैं। फिलहाल निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से 10.2 प्रतिशत नीचे है।
विशेषज्ञों के एक वर्ग का मानना है कि कोविड क्रैश के बाद जब सेंसेक्स-निफ्टी ने फिर से रफ्तार पकड़नी शुरू की थी, तब स्मॉलकैप, माइक्रोकैप और मिडकैप कंपनियों के शेयरों की कीमतें तेज़ी से बढ़ी थीं। कुछ मामलों में देखा गया कि स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों में निवेशकों का पैसा कई गुना हो गया। इसे देखकर निवेशकों का एक हिस्सा 2024 के अंत में बाजार के आधार पर मूल्यांकन की परवाह किए बिना ही स्मॉलकैप, मिडकैप और माइक्रोकैप में निवेश करने लगा। नतीजतन, इस साल की शुरुआत में जब सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट आई, तो सबसे ज्यादा नुकसान स्मॉलकैप-मिडकैप में निवेश करने वालों को हुआ। हालांकि बाद में कुछ चुनिंदा मिडकैप कंपनियों के शेयर, जिनकी खरीद-बिक्री, मुनाफा और वित्तीय स्थिति मजबूत थी, उनमें आंशिक रिकवरी देखने को मिली। लेकिन स्मॉलकैप के अधिकांश शेयर वहीं के वहीं जमे रहे। इसके चलते स्मॉलकैप में निवेश करने वाले कई निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा।
विशेषज्ञों का एक और वर्ग मानता है कि निफ्टी में ज्यादा वेटेज वाले शेयरों में तेजी के कारण निफ्टी50 में लंबी तेजी देखने को मिली। अधिकांश कंपनियों के शेयरों में कोई बड़ा मूवमेंट नहीं था। हालांकि अगर चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में शेयर बाजार की शीर्ष कंपनियों का प्रदर्शन दलाल स्ट्रीट के अनुमान के मुताबिक रहता है, तो नई रैली देखना सिर्फ समय की बात होगी।
गौरतलब है कि मशहूर निवेशक विजय केडिया ने एक बार कहा था कि डोंट ऑलवेज़ ट्रस्ट व्हाट यू सी, इन अ बुल मार्केट ईवन अ डक लुक्स लाइक अ स्वान। यानी किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले यह जरूर जांच लें कि उसका मूल्यांकन बाजार के हिसाब से सही है या नहीं। याद रखें शेयर बाजार में निवेश से पहले अगर 'राइट चॉइस बेबी'नहीं चुन पाए तो नुकसान की आशंका बनी रहती है।
(समाचार एई समय ऑनलाइन कहीं भी निवेश की सलाह नहीं देता। शेयर बाजार या किसी भी क्षेत्र में निवेश जोखिम के अधीन होता है। निवेश से पहले सही तरीके से अध्ययन करना और विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है। यह खबर शैक्षणिक और जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है।)