रिकॉर्ड रन का पीछा करते हुए बल्लेबाज़ी का ढहना—बंगाल के विजय हजार ट्रॉफ़ी अभियान में नाटकीय मोड़। इस टूर्नामेंट में बंगाल ने जोरदार सफलता के साथ शुरुआत की थी। पहले मैच में 383 रनों के पहाड़ का पीछा करते हुए जीत हासिल कर इतिहास रच दिया था लक्ष्मीरतन शुक्ला की टीम ने। लेकिन उस उत्साह की लहर ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाई। दूसरे मैच में राजकोट में बंगाल बेअसर हो गया।
पहले मैच में रिकॉर्ड, दूसरे मैच में तबाही
राजकोट के सानोसारा के 22 गज पर विजय हजारे ट्रॉफी के पहले मैच में 7 गेंदें बाकी रहते ही 383 रन का पीछा करते हुए तीन विकेट से बंगाल ने जीत हासिल की थी। विजय हजारे ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन का पीछा कर जीत के मामले में उन्होंने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया था और ठीक इसके बाद ही निरंजन शाह स्टेडियम में शुक्रवार को बल्लेबाज़ी क्रम जैसे ध्वस्त हो गया, 205 रन के सीमा पार होते ही मुकाबला रुक गया।
कृतिनल बनाम बंगाल के बल्लेबाज
हार्दिक पांड्या बंगाल के खिलाफ विजय हज़ारे ट्रॉफी के मैच में टीम में नहीं थे लेकिन उनके भाई कृतिनल पांड्या की कप्तानी में बरोड़ा और अधिक धारदार लग रही थी। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी के लिए अभिमन्यु ईश्वरन की टीम उतरी। हालांकि राज लिम्बानी के पांच विकेट और कृतिनल के तीन विकेट ने बंगाल की बल्लेबाजी लाइन को बिखेर दिया। अनुस्टुप मजुमदार (47), करण लाल (40), अभिषेक पोरेल (38), थोड़ी झोली करने की कोशिश की, लेकिन बाकी खिलाड़ियों की विफलता को वे नहीं ढक सके। कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन, आकाश दीप, सुदीप घरामी—सबने बल्ले से विफलता का सामना किया। नतीजा यह हुआ कि बंगाल 38.3 ओवर में केवल 205 रन पर ऑलआउट हो गई।
बड़ौदा की आसान जीत
छोटा लक्ष्य पूरा कर आसानी से बड़ौदा जीत हासिल कर लिया। शाश्वत रावत (61), कुणाल (57) और प्रियांशु मोलिया (52) ने मिलकर 38.5 ओवर में 6 विकेट पर 209 रन बना डाले। बंगाल के गेंदबाजने कोशिश की, लेकिन मैच का रुख बदल नहीं सके। बंगाल की ओर से आमिर गनी और शाहबाज़ अहमद ने 2-2 विकेट लिए। मोहम्मद शमी और आकाश दीप ने 1-1 विकेट लिया।
आगे की चुनौती
एलीट ग्रुप 'बी' में सोमवार को बंगाल का सामना चंडीगढ़ से होगा। पहले मैच का रिकॉर्ड और दूसरे मैच की असफलता—दोनों अब बंगाल की मानसिक लड़ाई का हिस्सा हैं। लक्ष्मीरतन शुक्ला की टीम क्या फिर वापसी कर पाएगी ?