ऑस्ट्रेलिया के स्टार ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन के लिए दिसंबर 2025 एक रोलरकोस्टर यात्रा जैसा है। एक तरफ, आगामी 2026 के IPL नीलामी में उन पर करोड़ों रुपये बरस चुके हैं। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने उन्हें 25.20 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि में टीम में शामिल करके चर्चा का केंद्र बना दिया है। दूसरी तरफ, इंग्लैंड के खिलाफ प्रतिष्ठित एशेज़ सीरीज में ग्रीन की बैट-बॉल बिलकुल शांत रहा। उनकी लगातार असफलताओं ने ऑजी कैंप में चिंता बढ़ा दी है और इस कारण ही उन्हें चौथे टेस्ट में डिमोशन किया गया। फिर भी, भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया। ग्रीन फिर से असफल रहे।
मेलबॉर्न में 26 दिसंबर से शुरू होने वाले ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड चौथे टेस्ट के पहले दिन ही ग्रीन के लिए बड़ा झटका लगा। टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत बेहद खराब रही, पहले सत्र में कप्तान स्टीव स्मिथ समेत चार विकेट गिर गए। दूसरे सत्र की शुरुआत में उस्मान ख़्वाज़ा के आउट होने पर अज़ीज़ भी अपनी पांचवीं विकेट गंवा बैठे। इस बल्लेबाजी के धस के बीच चमक बिखेरने में असफल ग्रीन, और इसी वजह से उन पर दबाव और बढ़ गया।
ग्रीन के साथ वास्तव में क्या हुआ ?
असल में, कैमरेन ग्रीन आमतौर पर ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट क्रिकेट में मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हैं और ज्यादातर समय छठे नंबर पर उतरते हैं। लेकिन इस सीरीज में लगातार असफलताओं के कारण उन्हें डिमोट कर दिया गया और बल्लेबाजी क्रम में सातवें नंबर पर रखा गया। उनकी जगह छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए एलेक्स कैरी। लगभग ढाई साल बाद ग्रीन को फिर से टेस्ट मैच में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करनी पड़ी।
लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ। वह केवल 17 रन बनाकर आउट हो गए। हालांकि आउट होने से पहले ग्रीन काफी आत्मविश्वासी लग रहे थे, लेकिन सिर्फ 34 गेंदों में 17 रन बनाकर रन आउट हो गए। परिणामस्वरूप, ऑस्ट्रेलिया की यह रणनीति भी विफल रही।
2025 में कैमरन ग्रीन का प्रदर्शन कैसा था ?
ग्रीन को सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने का निर्णय लेने के पीछे 2025 में स्टार ऑलराउंडर के लगातार खराब प्रदर्शन का भी बड़ा कारण था। चोट के कारण वह साल की शुरुआत में खेल नहीं पाए। हालांकि, 2025 के जून में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में कैमरन ग्रीन ने वापसी की। उसके बाद से यह ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। मेलबर्न टेस्ट से पहले तक उन्होंने 7 मैचों में 12 पारी में केवल 22 की औसत से 264 रन बनाए, जिसमें केवल एक अर्धशतकीय पारी शामिल है। और इसी कारण उन्हें बल्लेबाजी क्रम में नीचे भेजा गया। इसके बावजूद वह आईपीएल के इतिहास के सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ियों में से एक साबित हुए।