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“चामरूजी टेढ़े-मेढ़े नहीं चलते, सीधे चलते हैं”, चतरा का माओवादी नेता

एनकाउंटर कैसे हुआ, इसकी विवरण पुलिस कभी नहीं देती

By शमीक घोष, Posted by: प्रियंका कानू

Dec 26, 2025 12:50 IST

भुवनेश्वर: शाम 6–6:30 बजे चलना शुरू करके ओडिशा की सीमा पार करते हुए झारखंड से होकर छत्तीसगढ़ के सरगुजा तक अगले दिन सुबह करीब सात बजे आसानी से पहुंच जाने वाला दुबला-पतला आदमी, उसका नाम गणेश उइके है। यह बात अगस्त 2006 में पलामू जिले में सीपीआई (माओवादी) संगठन के एक साधारण एरिया कमांडर ने कही थी। गुरुवार तड़के तीन सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान में संगठन की सेंट्रल कमिटी के सदस्य गणेश उइके की गोली लगने से मौत की खबर आते ही पलामू के उस माओवादी नेता की बात सबसे पहले याद आई।

उस समय झारखंड के चतरा जिले का एक छोटा माओवादी नेता (चतरा की तुलना एक समय श्रीलंका के जाफना से की जाती थी) कहा करता था कि रास्ता जैसा भी हो, चाहे रास्ता हो ही न, चामरूजी (गणेश का दूसरा नाम) टेढ़े-मेढ़े नहीं चलते, सीधे चलते हैं। क्योंकि सीधे रास्ते में खतरा हो सकता है लेकिन समय कम लगता है। उनका मानना है कि जैसे हवाई दूरी कम होती है, वैसे ही…।

असल में ओडिशा के निवासी गणेश उइके के बारे में झारखंड पुलिस के पूर्व डीजी ने 2007 की सर्दियों में रांची विश्वविद्यालय के पास एक सरकारी बंगले में शॉल ओढ़े हुए कहा था कि गणेश उइके माओवादी संगठन का सबसे भरोसेमंद सदस्य है। ओडिशा-झारखंड बॉर्डर पर गणेश की टीम ने कितनी बारूदी सुरंगें बिछाई हैं, इसका कोई हिसाब नहीं। गणेश जैसी इंसास राइफल कोई और माओवादी नहीं चला सकता। पुलिस की नस-नब्ज वह जैसा कोई नहीं जानता। आगे क्या हो सकता है, यह पहले से सोच पाने की क्षमता ही उसे पकड़ से बाहर रखती है।

सूत्रों के अनुसार गणेश तेलंगाना के नलगोंडा जिले के पुल्लेमाला गांव का निवासी था। वह सीपीआई (माओवादी) संगठन की सेंट्रल कमिटी का सदस्य था। इसके अलावा, वह सेंट्रल रीजनल ब्यूरो का एकमात्र सदस्य भी था। गणेश दंडकारण्य जोनल कमिटी और वेस्टर्न घाट स्पेशल जोनल कमिटी (केरल-कर्नाटक-तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्र) का भी सदस्य था। ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस सूत्रों के मुताबिक 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के झीराम घाटी में एक काफिले पर माओवादियों के हमले में राज्य के पूर्व मंत्री और ‘सलवा जुडूम’ के प्रवर्तक महेंद्र कर्मा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल सहित 27 लोगों की मौत हुई थी। क्रिसमस पर ओडिशा पुलिस को बड़ी सफलता, एनकाउंटर में शीर्ष माओवादी नेता गणेश उइके समेत 6 मारे गए।

पूरे ऑपरेशन की जिम्मेदारी ओडिशा और आंध्र प्रदेश के माओवादियों पर थी। ओडिशा बल का नेतृत्व गणेश उइके कर रहा था। बुधवार देर रात ओडिशा के कंधमाल जिले के चकापाड़ा थाना क्षेत्र के रामपार जंगल में हुए एनकाउंटर में गणेश मारा गया। इस मुठभेड़ में उसके तीन अन्य साथी भी मारे गए। एनकाउंटर कैसे हुआ, इसकी व्याख्या पुलिस कभी नहीं देती न किशनजी के एनकाउंटर के समय दी गई थी, न अब दी जाएगी। स्वाभाविक है कि ओडिशा पुलिस भी इसका विस्तृत विवरण नहीं देगी।

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