🔔 ताज़ा ख़बरें सबसे पहले!

Samachar EiSamay की ब्रेकिंग न्यूज़, राजनीति, खेल, मनोरंजन और बिज़नेस अपडेट अब सीधे आपके पास।

शमिक भट्टाचार्य ने 'छोटे भाई' शुभेंदु अधिकारी को दे डाली सलाह, कहा - पुरानी कहानी न दोहराए

भाजपा के पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने शमिक भट्टाचार्य का शुभेंदु अधिकारी को इस प्रकार टोकना इस समय भाजपा शिविर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

By Prasenjit Bera, Posted By : Moumita Bhattacharya

Dec 26, 2025 11:32 IST

गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर अलीपुर के नेशनल लाइब्रेरी ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी को चेताया। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में शुभेंदु अधिकारी ने 5 साल पहले तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल होने की अपनी कहानी सुनाई। उनके ठीक बाद कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंचे शमिक भट्टाचार्य ने स्पष्ट शब्दों में शुभेंदु से पुरानी बातों को न दोहराने की हिदायत दे डाली।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शमिक ने शुभेंदु अधिकारी को सलाह देते हुए कहा कि भविष्य में भी भाषण देने के दौरान वह अपने तृणमूल अध्याय का वर्णन न करें। भाजपा के पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने शमिक भट्टाचार्य का शुभेंदु अधिकारी को इस प्रकार टोकना इस समय भाजपा शिविर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

शुभेंदु अधिकारी ने क्या कहा?

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में शुभेंदु अधिकारी ने 5 साल पहले तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बारे में बात की। अपनी कहानी सुनाते हुए शुभेंदु ने भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं व कार्यकर्ताओं को 3 हिस्सों में बांटा। उन्होंने कहा कि मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि विभिन्न पार्टियों से भाजपा में शामिल होने के लिए नेता तीन वजहों से आते हैं। किसी पार्टी के चुनाव के दौरान आना, चुनाव लड़ना, जीतना, जीतकर भाग जाना या हारकर वापस पवेलियन जाना। एक और समूह है।

जब कोई दूसरी पार्टी उससे (संबंधित नेता) सब कुछ छीन लेती है उसके पास राजनीति करने का कोई अवसर नहीं होता है तब वह दूसरी पार्टी में शरण लेता है। दूसरी पार्टी उसे सदस्यता देती है, उसकी योग्यता के अनुसार उसका उपयोग करती है। एक और समूह है। वह अपने सारे पद छोड़ देता है और पार्टी छोड़ देता है। वह बिना कुछ पाने के इरादे से राजनीतिक पार्टी बदलता है। मैं इसी ग्रुप से जुड़ा हूं।

बता दें, इस कार्यक्रम के दौरान शुभेंदु अधिकारी और शमिक भट्टाचार्य के अलावा पार्टी के केंद्रीय नेता सुनील बंसल, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार, पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा, वरिष्ठ नेता प्रताप बनर्जी, पुराने आयोजक राजकमल पाठक, रितेश तिवारी, राजू बनर्जी और संगठन के अन्य नेताओं के साथ मौजूद थे।

गौरतलब है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में दूसरी पार्टियों से भाजपा में शामिल होना एक ट्रेंड बन गया था। लोकसभा चुनाव के बाद यह ट्रेंड और बढ़ गया। 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले मुकुल रॉय, दिलीप घोष, कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में 'योगदान मेला' शुरू हुआ।

शुभेंदु ने खुद को दूसरी पार्टियों से भाजपा में शामिल हुए 'तीसरी जमात' के नेता के तौर पर बताया और कहा, 'मैंने पांच ऑफिस और तीन बैंकों के चेयरमैन का पद छोड़ा और भाजपा में आया। भाजपा ने मुझे बुलाया, अमित शाह ने बुलाया। दिलीपबाबू (घोष) ने बुलाया। सुब्रतबाबू (चट्टोपाध्याय) ने बुलाया। कैलाश विजयवर्गीय ने बुलाया। बहुत से लोग भाग गए लेकिन शुभेंदु अधिकारी भागने वालों में से नहीं हैं।'

शमिक भट्टाचार्य ने दी हिदायत

हालांकि शमिक भट्टाचार्य को नहीं लगता कि शुभेंदु ने तृणमूल सरकार में कितने ऑफिस छोड़े हैं, इस कहानी को दोहराने की कोई जरूरत है। भाजपा के उक्त पुराने नेता ने अपने भाषण की शुरुआत में ही शुभेंदु अधिकारी से न दोहराने की हिदायत देते हुए कहा, ‘मुझसे पहले के वक्ता, उन्होंने (शुभेंदु) कहा कि उन्होंने ऑफिस छोड़ा, बुलावे पर आए, ये सब पुरानी बातें हैं। मैं अपने छोटे भाई से अपील करूंगा कि वो आगे से किसी बैठक में ऐसा न कहें। क्योंकि वह भाजपा में शामिल हो चुके हैं।’

शमिक की इस टिप्पणी के बाद ऑडिटोरियम में मौजूद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जोरदार तालियां बजाईं। शमिक ने शुभेंदु अधिकारी से कहा कि पहले एक गाड़ी होती थी, छह लोग सवार होते थे। कार्यकर्ताओं को पता था कि उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। तब कोई भी पद, लालच या कमेटी के लिए भाजपा में शामिल नहीं हुआ था।

बैठक के बाद शुभेंदु अधिकारी अथवा शमिक भट्टाचार्य में से किसी ने भी इस मामले में कोई बयान नहीं दिया। लेकिन शमिक भट्टाचार्य की टिप्पणी ने भाजपा में एक बहस जरूर छेड़ दी है कि क्या क्या अब कुछ लोग ‘पद’ या ‘लालच’ की वजह से भाजपा में शामिल हुए हैं?

Prev Article
ठंड ने तोड़ा क्रिसमस का रिकॉर्ड, 12 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा कोलकाता का तापमान
Next Article
नरेंद्र मोदी को राजधर्म का पाठ पढ़ाते वाजपेयी का वीडियो पोस्ट कर अभिषेक बनर्जी ने दिया कौन सा संदेश?

Articles you may like: