बेंगलुरुः कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार की गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से हुई मुलाकात ने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। इस मुलाकात को मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अंदरूनी खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे सीएम बदलाव की अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं।
हालांकि, शिवकुमार ने इन कयासों को खारिज करते हुए साफ कहा कि खड़गे से उनकी मुलाकात में किसी भी तरह की राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। उन्होंने बताया कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की 27 दिसंबर को होने वाली बैठक से पहले उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा की जगह लाए गए नए कानून को लेकर अपने विचार साझा किए हैं।
“हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे”
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से मनरेगा को हटाकर लाए गए नए कानून के प्रभावों पर चर्चा की है और किसी अन्य मुद्दे पर बात नहीं हुई। उन्होंने कहा, “ऐसी कोई जरूरत नहीं है। अभी ऐसा कुछ भी नहीं है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और मैं दोनों हाईकमान के फैसले के अनुसार काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” खुद को पार्टी कार्यकर्ता बताए जाने पर शिवकुमार ने कहा कि वह पद या ओहदे से ऊपर पार्टी को मानते हैं। उन्होंने कहा, “मैं कांग्रेस पार्टी का आजीवन कार्यकर्ता हूं। मैंने पार्टी के लिए हर काम किया है-पोस्टर लगाए, झाड़ू लगाई, झंडा बांधा। मैं सिर्फ मंच पर भाषण देने के लिए राजनीति में नहीं आया हूं।” जब उनसे पूछा गया कि उनकी मेहनत का फल उन्हें कब मिलेगा, तो उन्होंने इस पर जवाब देने से इनकार कर दिया।
नेतृत्व विवाद के बीच अहम मानी जा रही मुलाकात
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा समय पूरा कर लिया है और राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। हाल ही में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर भ्रम सिर्फ स्थानीय स्तर पर है, हाईकमान में नहीं। उन्होंने यह भी कहा था कि आंतरिक विवादों की जिम्मेदारी स्थानीय नेताओं को लेनी चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कहा, “एक वरिष्ठ नेता के तौर पर उन्होंने मार्गदर्शन दिया है।”
दिल्ली जाने की कोई योजना नहीं
शिवकुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल दिल्ली जाने की उनकी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर पार्टी बुलाएगी, तो मैं जरूर जाऊंगा। अभी तक मुझे कोई बुलावा नहीं आया है।” मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को CWC बैठक में बुलाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि तीन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है, जबकि उपमुख्यमंत्रियों को नहीं।
मनरेगा मुद्दे पर आंदोलन की तैयारी
शिवकुमार ने केंद्र सरकार पर मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने और योजना को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नया कानून राज्यों पर 40 प्रतिशत वित्तीय बोझ डालता है, जिसे कोई भी राज्य वहन नहीं कर सकता, यहां तक कि भाजपा शासित राज्य भी नहीं। उन्होंने ऐलान किया, “हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर मैं एक बड़ा आंदोलन शुरू करूंगा। पंचायत प्रतिनिधि और मनरेगा मजदूर एकजुट होकर मनरेगा की बहाली और ग्रामीण विकास की रक्षा करेंगे।”