देहरादून: उत्तराखंड पुलिस ने गुरुवार को देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में सहारनपुर निवासी उर्मिला सनावर और हरिद्वार के ज्वालापुर से पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौर के खिलाफ अंकिता भंडारी हत्याकांड से जुड़े मामले में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है। यह कार्रवाई पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती गौर द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर की गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अभियुक्तों ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के माध्यम से उनके खिलाफ निराधार और मानहानिकारक बयान दिए, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया।
पुलिस के अनुसार, दोनों अभियुक्तों के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 67 और भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धाराएं 308(7), 351(2), 352 और 79 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले बुधवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने अंकिता हत्याकांड में कथित “VIP” का मुद्दा उठाया लेकिन जब उनसे सबूत पेश करने को कहा गया तो वे पीछे हट गए। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस इस मामले को लेकर गंभीर होती तो वह अदालत में अपना बयान और साक्ष्य प्रस्तुत कर सकती थी।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार भट्ट ने बताया कि उस समय डीजीपी ने सार्वजनिक अपील जारी की थी, जिसमें VIP से संबंधित किसी भी जानकारी रखने वाले व्यक्ति से आगे आने का आग्रह किया गया था। उन्होंने कहा कि तब भी कोई सामने नहीं आया और न ही अब कोई आ रहा है। अंकिता के नाम पर अनावश्यक साजिशी सिद्धांत गढ़कर कांग्रेस मृतक बच्ची की आत्मा का भी अपमान कर रही है। एक अप्रमाणित वायरल वीडियो को लेकर शिकायत दर्ज की गई है, जिसे छेड़छाड़ किया हुआ बताया गया है, इसके बावजूद कांग्रेस इसे राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। जिस महिला की ऑडियो वायरल हुई है, उसका रिकॉर्ड जगजाहिर है और उस पर राजनीतिक उद्देश्य से काम करने के आरोप हैं। इसके बावजूद कांग्रेस राजनीतिक लाभ के लिए विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रही है।
महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस नेताओं से सवाल किया कि बिना ऑडियो की प्रामाणिकता की जांच किए आरोप लगाना उनकी अनैतिक राजनीति की पराकाष्ठा है। कांग्रेस नेताओं को ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयानों के लिए तुरंत सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।