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ईसाइयों को निशाना बनाए जाने के बाद अमेरिका ने नाइजीरिया में ISIS के ठिकानों पर हमला कियाः ट्रंप

रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि यह कार्रवाई नाइजीरिया सरकार की मंजूरी और सहयोग से की गई। आईएसआईएस के कई आतंकवादी मारे गए।

By डॉ. अभिज्ञात

Dec 26, 2025 18:48 IST

वेस्ट पाम बीच (अमेरिका): राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका ने नाइजीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के ठिकानों पर “शक्तिशाली और घातक” सैन्य कार्रवाई की है। यह हमला ऐसे समय किया गया है, जब आईएसआईएस पर नाइजीरिया में विशेष रूप से ईसाई समुदाय को निशाना बनाकर हिंसा और हत्याएं करने के आरोप लग रहे हैं।

ट्रंप ने क्रिसमस की रात अपने सोशल मीडिया मंच पर कहा कि कमांडर-इन-चीफ के रूप में उनके निर्देश पर उत्तर-पश्चिम नाइजीरिया में आईएसआईएस आतंकियों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। उन्होंने हालांकि हमलों से हुए नुकसान का विस्तृत विवरण नहीं दिया।

अमेरिकी अफ्रीका कमान (यूएस अफ्रीका कमांड) ने एक्स पर बताया कि ये हमले नाइजीरिया के सोबोटो राज्य में नाइजीरियाई अधिकारियों के अनुरोध पर किए गए और इनमें आईएसआईएस के कई आतंकवादी मारे गए। रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि यह कार्रवाई नाइजीरिया सरकार की मंजूरी और सहयोग से की गई।

नाइजीरिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग में खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान और रणनीतिक समन्वय शामिल था। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह सहयोग अंतरराष्ट्रीय कानून, संप्रभुता के सम्मान और क्षेत्रीय व वैश्विक सुरक्षा के साझा दायित्वों के अनुरूप है। साथ ही यह भी कहा गया कि आतंकवादी हिंसा किसी भी रूप में-चाहे वह ईसाइयों, मुसलमानों या किसी अन्य समुदाय के खिलाफ हो-नाइजीरिया के मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय शांति के खिलाफ है।

गौरतलब है कि नाइजीरिया की सरकार पहले भी यह कह चुकी है कि चरमपंथी हमलों का शिकार केवल ईसाई ही नहीं, बल्कि विभिन्न धार्मिक समुदायों के लोग होते रहे हैं। देश की लगभग 22 करोड़ की आबादी ईसाइयों और मुसलमानों में लगभग बराबर बंटी हुई है।

नाइजीरिया लंबे समय से सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। बोको हराम जैसे चरमपंथी संगठन न केवल ईसाइयों, बल्कि उन मुसलमानों को भी निशाना बनाते रहे हैं, जिन्हें वे अपनी कट्टर विचारधारा के अनुरूप नहीं मानते। इसके अलावा, कई इलाकों में हिंसा के पीछे धार्मिक कारणों के साथ-साथ जातीय संघर्ष, सामुदायिक प्रतिद्वंद्विता और संसाधनों को लेकर विवाद भी रहे हैं।

ट्रंप ने पिछले महीने पेंटागन को नाइजीरिया में संभावित सैन्य कार्रवाई की योजना बनाने का निर्देश दिया था। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद को पनपने नहीं देगा और निर्दोष लोगों की हत्या करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।

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