ढाकाः बांग्लादेश में अराजकता जारी है। बुधवार रात को उस देश के राजबाड़ी जिले के पंग्शा इलाके में अमृत मंडल उर्फ सम्राट (29) नाम के युवक की मॉब लिंचिंग में हत्या कर दी गई। इलाके के लोगों और स्थानीय पुलिस का दावा है कि अमृत मंडल इलाके में जबरन वसूली और कई गलत कामों में शामिल था। उसके खिलाफ हत्या का एक मामला भी दर्ज है। हालांकि, सवाल यह उठता है कि क्या बिना ट्रायल के 'सजा' देना सही है, भले ही वह गलत काम हो।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि अमृत ने बुधवार रात करीब 11 बजे हुसैनडांगा के पुराने बाजार इलाके में शाहिद शेख नाम के एक आदमी के घर पर धावा बोल दिया। उसने 2 लाख रुपये मांगे। उस समय शाहिद शेख वहां नहीं थे। पैसे न मिलने पर उसने शाहिद के बेटे को पीटा। इस समय शाहिद शेख के घर के लोग 'लुटेरे, लुटेरे' चिल्ला रहे थे।
ऐसे में वह अपने लोगों के साथ भागने लगा। गांव वालों ने उनका पीछा किया। गुस्साई भीड़ ने अमृत और उसके एक साथी सलीम को हुसैनडांगा गांव से करीब 1 किलोमीटर दूर बसुआ गांव के पास पकड़ लिया। भीड़ ने उन्हें खूब पीटा। अमृत की मौके पर ही मौत हो गई। दूसरी ओर, सलीम शेख को गंभीर रूप से घायल हालत में पुलिस को सौंप दिया गया। उसके पासे से दो हथियार जब्त किए गए।
पुलिस और लोकल सोर्स ने दावा किया है कि अमृत 2014 में अवामी लीग सरकार के दौरान भारत भाग गया था। अगले दस साल तक वह भारत से अपने साथियों के जरिए बांग्लादेश में जबरन वसूली और आतंकवादी गतिविधियां करता रहा। शेख हसीना सरकार गिरने के बाद वह हाल ही में बांग्लादेश लौटा है। पंग्शा मॉडल पुलिस स्टेशन के ओसी शेख मैनुल इस्लाम का दावा है कि मृतक अमृत के खिलाफ हत्या और जबरन वसूली समेत कई मामले दर्ज हैं। मौके से एक पिस्टल और एक वन-शॉट गन बरामद की गई है। इस संबंध में पंग्शा पुलिस स्टेशन में एक नया मामला दर्ज किया गया है।
अमृत के भाई अमिया मंडल ने कहा कि पुलिस गुरुवार सुबह उनके घर आई और उन्हें अमृत की मौत के बारे में बताया। उन्हें इसके बारे में कुछ नहीं पता था। 2014 में भारत जाने के बाद से अमृत के परिवार का उससे कोई संपर्क नहीं था। अमिया ने दावा किया कि उन्हें यह भी नहीं पता था कि वह भारत से बांग्लादेश लौट आया है।