नई दिल्ली: सोने की कीमतों में हालिया उतार-चढ़ाव को लेकर बढ़ती चिंता के बीच देश के बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFC) धीरे-धीरे सोना गिरवी रखकर दिए जाने वाले ऋण की शर्तें सख्त कर रहे हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा गोल्ड लोन में अतिरिक्त जोखिम को लेकर चेतावनी जारी किए जाने के बाद, ऋणदाता ऋण की राशि और उसकी सीमा पर नए सिरे से समीक्षा कर रहे हैं, ऐसा सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ने बताया है।
इसके परिणामस्वरूप जो वित्तीय संस्थान पहले सोने के आभूषणों के मूल्य का 70–72 प्रतिशत तक ऋण देते थे, वे अब इस अनुपात को घटाकर 60–65 प्रतिशत कर रहे हैं। यानी समान मात्रा का सोना गिरवी रखने पर अब ग्राहक को पहले से कम राशि का ऋण मिलेगा।
एक सरकारी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव और रुपये की विनिमय दर में अस्थिरता के कारण ही नियामक संस्था ने यह चेतावनी जारी की है। RBI ने ऋणदाताओं को अधिक सतर्क रहने, जोखिम विश्लेषण प्रणाली को मजबूत करने और ऋण मंजूरी की रफ्तार कुछ धीमी करने की सलाह दी है।
RBI को आशंका है कि कई ग्राहक फिलहाल सोने की ऊंची कीमतों का फायदा उठाकर अपेक्षाकृत बड़ी रकम का ऋण ले रहे हैं। यदि भविष्य में वैश्विक अस्थिरता के कारण सोने की कीमत 10–15 प्रतिशत भी गिरती है, तो गिरवी रखे गए आभूषणों का मूल्य ऋण राशि से कम हो सकता है। ऐसे में ऋण चुकाने की इच्छा में कमी आ सकती है, जिससे बैंकों और वित्तीय संस्थानों की परिसंपत्तियों पर दबाव पड़ सकता है।
वर्तमान में MCX स्पॉट बाजार में 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग 1.31 लाख रुपये है, जो पिछले तीन महीनों में करीब 20 प्रतिशत और पिछले छह महीनों में लगभग 35 प्रतिशत बढ़ी है। इस लगातार बढ़ोतरी के साथ सोना गिरवी रखकर ऋण लेने के मामलों में भी वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, इस साल मार्च के बाद से आभूषण गिरवी रखकर लिए गए ऋणों की राशि सालाना आधार पर 100 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। अक्टूबर में गोल्ड लोन की कुल राशि 3.37 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जबकि अप्रैल 2024 में यह केवल 1.01 लाख करोड़ रुपये थी। लगातार 18 महीनों से गोल्ड लोन की राशि नए रिकॉर्ड बना रही है।
चिंता का एक और पहलू ऋण लेने वालों की उम्र से जुड़ा है। 31–40 वर्ष आयु वर्ग के ग्राहक अब कुल गोल्ड लोन का लगभग 40–45 प्रतिशत ले रहे हैं। वहीं 21–30 वर्ष आयु वर्ग के ग्राहकों द्वारा सोना गिरवी रखकर लिया गया ऋण 2020-21 वित्त वर्ष के बाद दोगुना हो गया है। औसत ऋण राशि फिलहाल 80 हजार से 1.5 लाख रुपये के बीच है। हालांकि जानकारों का मानना है कि इस धन का बड़ा हिस्सा संपत्ति निर्माण के बजाय उपभोग पर खर्च हो रहा है, जिससे भविष्य में इन ऋणों के पुनर्भुगतान की क्षमता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।