नई दिल्लीः हाल ही में देशभर में कई आयकरदाताओं के पास एक मैसेज आया है। खासतौर पर वेतनभोगी और आयकर देने वाले लोगों को आयकर विभाग की ओर से नोटिसनुमा संदेश भेजा गया है। इस मैसेज में TDS से जुड़ी जानकारी दी गई है। इस संदेश को देखकर कई करदाता भ्रम में पड़ गए हैं। उनके मन में यह सवाल उठ रहे हैं कि यह मैसेज क्यों आया, क्या कर से जुड़ी जानकारी में कोई गलती है या नहीं। हालांकि आयकर विभाग ने साफ किया है कि करदाताओं को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
इस मैसेज का क्या अर्थ है?
आयकर विभाग के अनुसार, चौथी तिमाही में जमा किए गए TDS का “Acknowledgement” (पावती) भेजा गया है। कई लोगों को मैसेज के साथ-साथ ई-मेल भी भेजा गया है। यह कोई दंडात्मक नोटिस नहीं है। इसके जरिए केवल यह बताया गया है कि आयकर विभाग के पास कौन-सी जानकारी उपलब्ध है।
X (पूर्व में ट्विटर) पर किए गए पोस्ट में आयकर विभाग ने बताया कि जिन मामलों में ITR में दी गई जानकारी और आयकर विभाग को प्राप्त जानकारी के बीच स्पष्ट अंतर पाया गया है, उन्हें यह मैसेज या ई-मेल भेजा गया है, ताकि करदाता इस बात से अवगत हो सकें। यदि कर संबंधी जानकारी में कोई बदलाव करने की जरूरत हो, तो वे ऐसा कर सकें। नया AIS देखकर आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं। आयकर विभाग का कहना है कि करदाता स्वेच्छा से कर से जुड़ी गलत जानकारी या गलतियों को सुधार सकें, इसी उद्देश्य से यह पहल की गई है।
आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि:
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की तय समय सीमा समाप्त हो चुकी है। हालांकि विलंबित रिटर्न (Belated Return) दाखिल करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय उपलब्ध है। इसी तारीख तक रिटर्न में संशोधन (Revising) करने का भी अवसर है। जिन करदाताओं के रिटर्न में कोई समस्या नहीं है, उन्हें इस मैसेज को नजरअंदाज करने की सलाह दी गई है।