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सुनवाई का नोटिस मतदाता ने स्वीकार किया अथवा नहीं इसकी जांच करेगा चुनाव आयोग, कैसे? जानिए यहां

मतदाता ने इस नोटिस स्वीकार किया है या नहीं इसकी जांच करने के लिए चुनाव आयोग ने एक खास तरीका अपनाया है।

By Moumita Bhattacharya

Dec 22, 2025 14:05 IST

राज्य में चल रहे SIR में एन्यूमरेशन फॉर्म भरने और उसको डिजिटाइज करने की प्रक्रिया खत्म होने के बाद अब सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो रही है। मतदाता सूची का मसौदा जारी किया जा चुका है। इस सूची में राज्य भर में करीब 32 लाख अनमैप्ड मतदाताओं का पता चला है। यानी ऐसे मतदाता जिनका साल 2002 के SIR के साथ कोई लिंकेज ही नहीं है।

राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त मनोज कुमार अगरवाल ने बताया कि प्राथमिक तौर पर 32 लाख मतदाताओं के पास ही सुनवाई का नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।

जिन मतदाताओं को सुनवाई के लिए चुनाव आयोग बुलाने वाला है, BLO उन्हें एक नोटिस देगा। मतदाता ने इस नोटिस स्वीकार किया है या नहीं इसकी जांच करने के लिए चुनाव आयोग ने एक खास तरीका अपनाया है। आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक जब कोई BLO सुनवाई का नोटिस लेकर किसी मतदाता के घर जाएगा तब उसे आयोग द्वारा दिए गए एक खास फॉर्मेट में मतदाता से एक फॉर्म पर साइन करवाना होगा।

यहां लिखा होगा कि संबंधित मतदाता ने सुनवाई का नोटिस स्वीकार कर लिया है। हालांकि इस फॉर्म पर सिर्फ मतदाता ही नहीं बल्कि BLO को भी साइन करना होगा।

BLO ऐप में जोड़ा गया नया विकल्प

सुनवाई का नोटिस मतदाताओं के घर ठीक से पहुंच रहा है अथवा नहीं, मतदाता उस नोटिस को स्वीकार कर रहे हैं या नहीं इस बात में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए BLO ऐप में एक नया विकल्प जोड़ा गया है। सोमवार की सुबह से ही BLO ऐप में नया विकल्प ‘Delivery of schedule hearing notice’ दिखाई दे रहा है। बताया जाता है कि सुनवाई का नोटिस स्वीकार करने के बाद मतदाता और BLO जिस फॉर्म पर हस्ताक्षर करेंगे, उस फॉर्म को बाद में इस विकल्प पर अपलोड करना होगा।

नए विकल्प में उन मतदाताओं की सूची भी दी गयी है जिन्हें संबंधित BLO के बूथ से सुनवाई का नोटिस भेजा गया है। इस विकल्प पर क्लिक करते ही एक नया पेज खुल जाएगा जिसमें 'Upload Receipt' दिखेगा। जैसे ही BLO ऐप में उस फॉर्म को अपलोड कर देगा इस बात की जानकारी तुरंत चुनाव आयोग के पास पहुंच जाएगी।

क्यों जोड़ा गया नया विकल्प?

इस बारे में मतदान कर्मी और BLO ऐक मंच के सचिव स्वप्न मंडल ने बताया कि कोई BLO मतदाता को नोटिस ही न दे या कोई मतदाता नोटिस पाने की बात को स्वीकार कर दे तो ऐसे मामलों से निपटने के लिए ही इस नए विकल्प को जोड़ा गया है। इससे पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हर रोज नए-नए विकल्पों के जुड़ने की वजह से BLO को समस्याएं भी हो रही हैं।

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