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निर्यात पर शुल्क माफी, भारतीय कर्मचारियों के लिए वीजा, भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता

न्यूजीलैंड और आसपास के क्षेत्रों में भारतीय उत्पादों का बाजार पकड़ने की बड़ी पहल, रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे

By अभिरुप दत्त, Posted by: रजनीश प्रसाद

Dec 22, 2025 16:23 IST

नई दिल्लीः नौ महीने तक लगातार चली द्विपक्षीय बातचीत के बाद आखिरकार भारत–न्यूजीलैंड व्यापार समझौते को सफलता मिली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के तहत भारतीय उत्पादों के निर्यात पर बड़ी मात्रा में शुल्क माफी का लाभ मिलेगा। वहीं दूसरी ओर, न्यूजीलैंड से भारत में आयात होने वाले कई उत्पादों पर भी भारत शुल्क माफी देगा। अब समग्र रूप से बातचीत पूरी होने के बाद फ्री ट्रेड एग्रीमेंट(FTA) पर औपचारिक हस्ताक्षर किए जाएंगे, ठीक वैसे ही जैसे भारत–यूके समझौते के दौरान हुआ था। मई में बातचीत पूरी हो गई थी, लेकिन समझौते पर हस्ताक्षर जुलाई में हुए थे।

भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते की घोषणा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्जन ने संयुक्त रूप से की है। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के बीच टेलीफोन पर बातचीत भी हुई है।

तेजी से आगे बढ़ी बातचीत:

दोनों देशों के बीच यह बातचीत 16 मार्च 2025 को शुरू हुई थी। भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के वाणिज्य मंत्री टॉड मैक्ले के बीच चर्चा की शुरुआत हुई। पांच दौर की बातचीत के बाद दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया। हस्ताक्षर होने के बाद यह 2021 से अब तक भारत का सातवां व्यापार समझौता होगा।

भारत और न्यूजीलैंड के बीच वस्तुओं, सेवाओं के निर्यात और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए नए अवसर खुलने की उम्मीद है। शुल्क से जुड़ी समस्याओं को दूर करने और व्यापार से संबंधित अन्य बाधाओं को सुलझाने के उद्देश्य से दोनों देशों ने इस समझौते का रास्ता अपनाया है। कृषि उत्पादों के व्यापार में न्यूज़ीलैंड एक अग्रणी देश है और भारत–प्रशांत क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने के लिए वह भारत जैसे बड़े बाजार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वहीं भारत के लिए भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निर्यात के नए अवसर खुलेंगे।

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, इस समझौते की शर्तों के तहत न्यूजीलैंड अगले 15 वर्षों में भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा। वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, यह निवेश ‘रीबैलेंसिंग मैकेनिज्म’ के जरिए सुनिश्चित किया जाएगा। यदि तय शर्तों के अनुसार निवेश का लक्ष्य पूरा नहीं होता है, तो इस मुक्त व्यापार समझौते को स्थगित किया जा सकता है। वर्ष 2020 से 2025 के बीच भारत में न्यूजीलैंड का FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) फिलहाल लगभग 9 मिलियन अमेरिकी डॉलर के आसपास है।

किसे मिलेगा लाभ?

शुल्क माफी होने से भारत के कई उत्पादों को सबसे अधिक फायदा होगा। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कई वस्तुओं को बढ़त मिलेगी। वस्त्र, कपड़े, चमड़ा उत्पाद, जूते और समुद्री उत्पादों के निर्यात में भारतीय व्यापारियों को विशेष लाभ होगा। इसके अलावा, न्यूजीलैंड में जिन क्षेत्रों में कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होगी, वहां भारतीय कर्मचारियों के लिए एंट्री वीजा की व्यवस्था इस समझौते के तहत की जाएगी, जिससे भारतीयों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

कौन-सी चीजें समझौते से बाहर हैं?

डेयरी उत्पाद और कुछ कृषि वस्तुओं को इस समझौते से बाहर रखा गया है। यह फैसला भारत के घरेलू हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है।

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