नयी दिल्लीः माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और साउथ एशिया के अध्यक्ष पुनीत चंडोक ने कहा कि आने वाले समय में एआई का भविष्य इन बातों से तय होगा, बड़ी मात्रा में उपलब्ध बुद्धिमत्ता, ऐसे डिजिटल सहायक जो इंसानों की निगरानी में काम करें, और लोगों को लगातार नई तकनीकी स्किल्स सिखाना। उन्होंने आसान शब्दों में समझाते हुए कहा कि अब एआई को सिर्फ तेजी से बढ़ाने में नहीं, बल्कि सही तरीके से इस्तेमाल करने की जरूरत है। इसका विकास जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए, ताकि इसका फायदा सभी को मिले और इसे सोच-समझकर आगे बढ़ाया जाए।
इस महीने की शुरुआत में भारत दौरे पर आए माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने भारत के एआई-फर्स्ट भविष्य के लिए बुनियादी ढांचे और संप्रभु क्षमताओं के निर्माण हेतु 17.5 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी जो एशिया में कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।
चंडोक के अनुसार, एआई अब सिर्फ चर्चा का विषय नहीं रहा, बल्कि वास्तविक प्रभाव दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाला दौर “अनमीटरड इंटेलिजेंस” का होगा, जहां कंप्यूटिंग शक्ति सीधे संगठनों की संज्ञानात्मक क्षमता में बदलेगी। इस दौर में एआई एजेंट्स लोगों के साथ मिलकर डेटा पर तर्क करेंगे और कार्य संभालेंगे, लेकिन नियंत्रण मनुष्यों के हाथ में ही रहेगा।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, स्किलिंग को एआई युग का प्रमुख सुरक्षा कवच बताते हुए चंडोक ने कहा कि भूमिकाएं कार्यों में बंटेंगी और करियर अधिक गतिशील होंगे। 2025 की तकनीकी कहानी पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि भारत ने विमानन, स्वास्थ्य, वित्तीय सेवाओं और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में एआई को प्रयोग से आगे बढ़ाकर मुख्य संचालन में उतार दिया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और एआई का संगम कक्षा से बोर्डरूम और खेत से फैक्ट्री तक अपनाने को संभव बनाता है। इसी विश्वास के आधार पर माइक्रोसॉफ्ट भारत में निवेश कर रहा है। चंडोक ने अंत में कहा कि लगातार सीखते रहना ही सबसे टिकाऊ बढ़त है, इसलिए माइक्रोसॉफ्ट ने 2030 तक भारत में 2 करोड़ लोगों को स्किल्स से लैस करने की प्रतिबद्धता दोगुनी कर दी है।