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‘ईश्वर से बेहतर प्रधानमंत्री मोदी हैं’-जावेद अख़्तर की टिप्पणी से सोशल मीडिया में हलचल

‘अगर ईश्वर ऐसे हैं, तो उनका न होना ही बेहतर’-जावेद अख़्तर

By अमर्त्य लाहिड़ी, Posted by डॉ.अभिज्ञात

Dec 21, 2025 18:52 IST

नयी दिल्लीः शनिवार को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख़्तर और इस्लामी विद्वान मुफ़्ती शमाइल नदवी आमने-सामने थे। ‘क्या ईश्वर हैं?’-इस शाश्वत प्रश्न पर आयोजित एक वाद-विवाद में दोनों ने हिस्सा लिया। स्वाभाविक रूप से ‘नास्तिक’ जावेद अख़्तर ने ईश्वर के अस्तित्व से इनकार किया और अपने पक्ष में कई तर्क दिए।

हालांकि, उनकी एक टिप्पणी ने इंटरनेट की दुनिया में खासा शोर मचा दिया। उन्होंने ईश्वर से तुलना करते हुए कहा, “ईश्वर से तो हमारे प्रधानमंत्री मोदी कहीं बेहतर हैं।” आम तौर पर मोदी सरकार और संघ परिवार के तीखे आलोचक जावेद ने आखिर ईश्वर से बेहतर प्रधानमंत्री मोदी को क्यों बताया-आइए जानते हैं।

ईश्वर के न होने के पक्ष में तर्क देते हुए जावेद अख़्तर ने ग़ाज़ा के भयावह युद्ध और वहां बच्चों की बड़ी संख्या में हुई मौतों का ज़िक्र किया। उन्होंने सवाल किया, “अगर ईश्वर सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी हैं तो ग़ाज़ा में बच्चों का बमों से चिथड़े-चिथड़े होना उनकी नज़रों से कैसे बच सकता है? फिर भी अगर वे इस रक्तपात को नहीं रोकते तो क्या ऐसे ईश्वर पर विश्वास किया जा सकता है? इससे तो हमारे प्रधानमंत्री मोदी बेहतर हैं-कम से कम वे इंसानों की कुछ तो परवाह करते हैं।”

जावेद अख़्तर ने आगे कहा कि जहां तर्क और प्रमाण नहीं होते, वहीं ज़बरदस्ती ‘आस्था’ थोप दी जाती है। बहस के दौरान उन्होंने बार-बार ईश्वर और धर्म के नाम पर होने वाली हिंसा का उल्लेख किया। उन्होंने पूछा, “ईश्वर की अवधारणा पर सवाल क्यों नहीं उठाया जा सकता? और यह कैसा ईश्वर है जो बच्चों को बमों से मरते देखता है? अगर वह मौजूद हैं और ऐसा होने देते हैं, तो उनका न होना ही बेहतर है।”

इसके जवाब में मुफ़्ती शमाइल नदवी ने कहा, “ईश्वर ने बुराई को पैदा किया है, लेकिन वे स्वयं बुरे नहीं हैं।” उनका तर्क था कि ईश्वर ने मनुष्य को ‘फ़्री विल’ यानी स्वतंत्र इच्छा दी है और उसी के दुरुपयोग से दुनिया में अशांति और अपराध बढ़ते हैं-इसके लिए ईश्वर जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विज्ञान केवल यह बता सकता है कि ब्रह्मांड ‘कैसे’ चलता है लेकिन ‘क्यों’ बना-इसका उत्तर केवल धर्मशास्त्र में मिलता है।

सोशल मीडिया पर भी यह बहस जारी है। इसके साथ-साथ जावेद अख़्तर के तर्कों और उनके व्यंग्यबोध की सराहना भी हो रही है। खास तौर पर ‘ईश्वर से बेहतर मोदी’ वाली टिप्पणी को लेकर चर्चा तेज़ है। यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम केंद्र में रहा।

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