नई दिल्लीः भारत और कनाडा के बीच लंबे समय से अटकी मुक्त व्यापार समझौता (FTA) प्रक्रिया एक बार फिर रफ्तार पकड़ने वाली है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संकेत दिए हैं कि दोनों देश जल्द ही टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) पर बातचीत शुरू करेंगे, जिसके बाद औपचारिक रूप से FTA वार्ता का रास्ता खुलेगा। भारत और कनाडा के बीच FTA को लेकर बातचीत 2023 में कनाडा की ओर से रोक दी गई थी। अब ToR पर चर्चा शुरू होने का मतलब है कि दोनों देश समझौते के दायरे, शर्तों और प्रक्रिया को लेकर सहमति बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। ToR किसी भी व्यापार समझौते की नींव माने जाते हैं।
Five Eyes देशों से भारत के मजबूत होते रिश्ते
पीयूष गोयल ने बताया कि भारत अब तक फाइव आईज़ एलायंस के तीन देशों-ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और न्यूज़ीलैंड के साथ FTA को अंतिम रूप दे चुका है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, फाइव आईज़ में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूज़ीलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत उन्नत चरण में है जो वैश्विक भू-राजनीति में भारत की बढ़ती अहमियत को दर्शाता है।
मुख्य वार्ताकार नियुक्त
FTA वार्ता के लिए दोनों देशों ने अपने-अपने मुख्य वार्ताकार नियुक्त कर दिए हैं।
भारत की ओर से: बृज मोहन मिश्रा, संयुक्त सचिव, वाणिज्य विभाग
कनाडा की ओर से: ब्रूस क्रिस्टी
व्यापार के आंकड़े क्या कहते हैं?
2024-25 में भारत का कनाडा को निर्यात 9.8% बढ़कर 4.22 अरब डॉलर पहुंचा।
इसी अवधि में कनाडा से आयात 2.33% घटकर 4.44 अरब डॉलर रहा।
2023 में दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का कुल व्यापार 18.38 अरब डॉलर रहा।
भारतीय प्रवासी और छात्र बड़ी ताकत
कनाडा में करीब 29 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं और 4.27 लाख से अधिक भारतीय छात्र वहां पढ़ाई कर रहे हैं। यह सामाजिक और आर्थिक जुड़ाव भी दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत आधार देता है। भारत–कनाडा के बीच ToR पर प्रस्तावित बातचीत केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से भी अहम मानी जा रही है। यदि FTA वार्ता आगे बढ़ती है तो यह दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में नए अवसरों के द्वार खोल सकती है।