मुंबईः सप्ताह के पहले चार सत्रों में गिरावट के बाद देश का शेयर बाजार संभलता नजर आया। शुक्रवार को सप्ताह के आखिरी ट्रेडिंग सत्र की शुरुआत से ही दोनों बेंचमार्क इंडेक्स हरे निशान में रहे। उस दिन सुबह से ही निवेशकों में शेयर खरीदने की प्रवृत्ति काफी ज्यादा थी, जो बाजार में तेजी के लिए सहायक साबित हुई। इसके चलते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 5 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया।
शुक्रवार के ट्रेडिंग सत्र में सेंसेक्स लगभग 600 अंकों तक चढ़ा। हालांकि, बाजार बंद होने के बाद यह बेंचमार्क इंडेक्स 84,929 अंकों पर रहा। गुरुवार के क्लोज़िंग के मुकाबले इसमें 0.53 प्रतिशत या 448 अंकों की बढ़त दर्ज की गई। वहीं, निफ्टी50 में 0.58 प्रतिशत या 151 अंकों की बढ़त हुई और यह 25,966 अंकों पर बंद हुआ। सेंसेक्स और निफ्टी50 के साथ-साथ बीएसई में मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स क्रमशः 1.26 प्रतिशत और 1.25 प्रतिशत बढ़े। कैपिटल मार्केट को छोड़कर निफ्टी के सभी सेक्टोरल इंडेक्स में सप्ताह के आखिरी ट्रेडिंग सत्र में तेजी देखने को मिली।
उस दिन निफ्टी50 इंडेक्स में शामिल 50 सूचीबद्ध शेयरों में से 41 कंपनियों के शेयर पॉज़िटिव रहे। इनमें सबसे ज्यादा बढ़त श्रीराम फाइनेंस के शेयर में (4.10 प्रतिशत) दर्ज की गई। मैक्स हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के शेयर भी सबसे ज्यादा चढ़ने वालों में रहे। वहीं, इस बेंचमार्क इंडेक्स में शामिल कंपनियों में सबसे ज्यादा गिरावट एचसीएल टेक्नोलॉजीज़, हिंदाल्को इंडस्ट्रीज़ और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में देखने को मिली।
शुक्रवार को शेयर बाजार में आई तेजी के पीछे कई कारणों की पहचान बाजार विशेषज्ञों ने की है। अमेरिका का कंज़्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) उम्मीद से भी ज्यादा कमजोर रहा। इसके चलते अगले साल यूएस फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ी है। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर के अनुसार, यह बाजार में तेजी के लिए सहायक रहा। इसके अलावा, पिछले दो सत्रों में विदेशी निवेशकों द्वारा शेयरों की खरीदारी ने भी बाजार को और मजबूती दी।
बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है, जिससे जापान में ब्याज दरें 30 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। विनोद नायर के मुताबिक, इस घोषणा ने भी भारतीय शेयर बाजार की तेजी में अहम भूमिका निभाई है। इसके साथ ही, पिछले दो दिनों में रुपये की कीमत में कुछ हद तक स्थिरता देखने को मिली है। 91 के स्तर तक पहुंचने के बाद रुपये में काफी हद तक सुधार हुआ, जो बाजार की भावना को बेहतर बनाने में सहायक रहा, ऐसा बाजार विशेषज्ञों का मानना है।
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