सोशल मीडिया पर इन दिनों एक हाई वे खूब वायरल हो रहा है जिस पर लाल रंग के निशान बनाए हुए हैं। यह हाई वे मध्य प्रदेश में तैयार किया गया है। लेकिन इस हाई वे पर लगे लाल निशान का मतलब क्या है? क्या जंगल व पहाड़ी क्षेत्रों से घिरे इस हाई वे की सिर्फ खूबसूरती को बढ़ाने के लिए इसे लाल रंग के निशानों से सजाया गया है या फिर इन लाल निशानों का कोई और भी मतलब है?
आमतौर पर लाल निशान को खतरे का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही लाल निशान सावधान होने का संकेत भी होते हैं।
आइए आपको बताते हैं मध्य प्रदेश के इस वायरल हाई वे के बारे में विस्तार से -
कहां बना है यह हाई वे?
नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा मध्य प्रदेश में इस टेबल टॉप हाईवे का निर्माण किया गया है। इस हाईवे का निर्माण वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व (नौरादेवी अभयारण्य) में किया गया है। लगभग 11.96 किलोमीटर लंबे इस हाईवे का करीब 2 किलोमीटर हिस्सा घाट से होकर गुजरता है। इस वजह से ही इस हाईवे को टेबल टॉप हाईवे कहा जा रहा है।
क्यों लगाए गए हैं लाल निशान?
इस टेबल टॉप हाईवे का निर्माण उस जगह पर किया गया है जहां से होकर सर्वाधिक संख्या में वन्य जीव आवाजाही करते हैं। TOI की मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक दुबई के शेख जाएद रोड से प्रेरित होकर ही रेड मार्किंग टेबल टॉप हाईवे का निर्माण किया गया है। यहां सड़क पर 5 मिलीमीटर थर्मोप्लास्टिक की लाल रंग की परत चढ़ाई गयी है।
यह गाड़ियों के ड्राइवरों को सतर्क करने के लिए बनाया गया है ताकि उन्हें तुरंत समझ में आ सकें कि वे एक गति-नियंत्रित और वन्य जीव संवेदनशील क्षेत्र में प्रवेश कर चुके हैं। बताया जाता है कि 11.96 किलोमीटर लंबे इस हाईवे पर सिर्फ वाहनों की गति को ही नियंत्रित नहीं किया जाएगा बल्कि वन्य जीवों के लिए 25 अंडरपास का निर्माण भी किया गया है। इससे जंगली जानवर सुरक्षित तरीके से आवाजाही भी कर सकेंगे और यातायात भी प्रभावित होने का खतरा कम होगा।