नई दिल्ली: सरकार ने आज संसद को बताया है कि उच्च एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) स्तर और फेफड़ों की बीमारियों के बीच सीधे संबंध को स्थापित करने वाला कोई निर्णायक डेटा उपलब्ध नहीं है। राज्यसभा में आज से लिखित उत्तर में केंद्रीय राज्य मंत्री (पर्यावरण) कीर्ति वर्धन सिंह ने हालांकि स्वीकार किया कि वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी बीमारियों और उनसे जुड़ी समस्याओं के लिए एक प्रेरक कारक है। सिंह ने भाजपा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि क्या सरकार यह जानती है कि दिल्ली-एनसीआर में लंबे समय तक उच्च एक्यूआई स्तर के संपर्क में आने से फेफड़ों का फाइब्रोसिस यानी फेफड़ों की क्षमता में अपरिवर्तनीय कमी हो रही है। बाजपेयी ने यह भी पूछा कि क्या दिल्ली-एनसीआर के नागरिकों में फेफड़ों की लोच लगभग 50 प्रतिशत तक कम हो गई है तुलना में उन शहरों के लोगों के, जहां एक्यूआई स्तर अच्छा है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार सांसद ने यह भी पूछा कि क्या सरकार के पास दिल्ली/एनसीआर के लाखों निवासियों को पल्मोनरी फाइब्रोसिस, सीओपीडी, एम्फ़ीज़ीमा, फेफड़ों के कार्य में कमी और लगातार घटती फेफड़ों की लोच जैसी घातक बीमारियों से बचाने का कोई समाधान है। अपने उत्तर में मंत्री ने कहा कि वायु प्रदूषण के क्षेत्र में कार्यक्रम प्रबंधकों, मेडिकल अधिकारियों और नर्सों, नोडल अधिकारियों, सेंटिनल साइट्स, एएसएचए जैसी फ्रंटलाइन वर्कर्स, महिलाओं और बच्चों सहित संवेदनशील समूहों और ट्रैफिक पुलिस व नगर निगम कर्मचारियों जैसे व्यावसायिक रूप से प्रभावित समूहों के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के बारे में जानकारी, शिक्षा और संचार (आईईसी) सामग्री अंग्रेज़ी, हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार की गई है। राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम ने विभिन्न संवेदनशील समूहों के लिए अनुकूलित आईईसी सामग्री भी तैयार की है।सिंह ने बताया कि वायु प्रदूषण के लिए शुरुआती चेतावनी प्रणाली और अलर्ट साथ ही वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा राज्यों और शहरों में साझा किए जाते हैं ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र और समुदायों, विशेषकर संवेदनशील जनसंख्या को तैयार किया जा सके। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए साफ़ ईंधन (एलपीजी) उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि सरकार का स्वच्छ भारत मिशन शहरों, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, रास्तों और बुनियादी ढांचे की सफाई करता है और स्वच्छ हवा मिशन का अभिन्न हिस्सा है।