नई दिल्ली: लैंड-फॉर-जॉब घोटाले से जुड़े मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को अदालत में सभी आरोपियों की स्थिति (स्टेटस) को लेकर अपनी अंतिम सत्यापन रिपोर्ट दाखिल कर दी। यह रिपोर्ट विशेष CBI जज विशाल गोगने की अदालत में पेश की गई, जहां राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और अन्य के खिलाफ दायर मामले की सुनवाई चल रही है।
CBI ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि चार्जशीट में नामित कुल 103 आरोपियों में से पांच की मौत हो चुकी है। इस पर अदालत ने कहा, “आरोपियों की स्थिति से संबंधित सत्यापन रिपोर्ट पूरी हो चुकी है। अदालत यह रिकॉर्ड करती है कि जिन आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है, उनके खिलाफ कार्यवाही समाप्त मानी जाएगी।”
अदालत ने इस मामले में आदेश सुनाने के लिए 9 जनवरी की तारीख तय की है। इससे पहले, 11 दिसंबर को अदालत ने CBI को सत्यापन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया था।
पीटीआई रिपोर्ट के मुताबिक, CBI ने इस कथित घोटाले के सिलसिले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके बेटे तेजस्वी यादव समेत अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। जांच एजेंसी का आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच, जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे, उस दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित भारतीय रेल के वेस्ट सेंट्रल ज़ोन में ग्रुप-डी पदों पर नियुक्तियां की गईं।
आरोप है कि ये नियुक्तियां जमीन के बदले नौकरी के आधार पर की गईं, जहां अभ्यर्थियों ने जमीन के टुकड़े लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों या उनके सहयोगियों के नाम गिफ्ट या ट्रांसफर किए। CBI का यह भी दावा है कि नियुक्तियां तय नियमों का उल्लंघन कर की गईं और इन सौदों में बेनामी संपत्तियां शामिल थीं जो आपराधिक कदाचार और साजिश के दायरे में आती हैं।
वहीं, सभी आरोपियों ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि यह मामला राजनीतिक रूप से प्रेरित है।