नई दिल्ली/पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक मुस्लिम महिला डॉक्टर का नकाब हटाने की घटना को लेकर सियासी विवाद चौथे दिन और भड़क गया है। जहां विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री से बिना शर्त माफी की मांग कर रहा है, वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान ने मामले को और विस्फोटक बना दिया है। सिंह ने महिला को लेकर कहा कि वह नौकरी लेने से इनकार करे या “जहन्नुम में जाए”, यह उसका निजी फैसला है।
यह घटना सोमवार को पटना स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में हुई, जब आयुष डॉक्टर नियुक्ति पत्र लेने पहुंचे थे। वीडियो क्लिप में दिखता है कि जब संबंधित महिला डॉक्टर मंच पर पहुंचीं तो मुख्यमंत्री ने उनका नकाब देखकर कहा, “यह क्या है” और फिर नकाब हटा दिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया।
विवाद के बीच गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र लेने आए व्यक्ति को अपना चेहरा दिखाना चाहिए। उन्होंने सवाल किया, “क्या यह कोई इस्लामिक देश है?” और दावा किया कि नीतीश कुमार ने एक अभिभावक की तरह व्यवहार किया। सिंह ने पासपोर्ट और एयरपोर्ट जांच का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में कानून का शासन चलता है।
पटना में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विवाद को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि एनडीए सरकार हमेशा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करती रही है और मुख्यमंत्री महिलाओं का सम्मान करते हैं।
हालांकि, बयानबाजी यहीं नहीं रुकी। उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद की टिप्पणी, जिसे अशोभनीय और महिला विरोधी बताया गया, ने भी विवाद को और हवा दी। बाद में उन्होंने कहा कि उनके बयान की भावना को गलत तरीके से पेश किया गया।
इस पूरे घटनाक्रम की देश ही नहीं, बल्कि कई पश्चिम एशियाई देशों में भी आलोचना हुई है। जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार पर मुस्लिम परंपराओं के अपमान और “आरएसएस एजेंडा” के अनुरूप काम करने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
कांग्रेस सांसद तारीक अनवर ने नीतीश कुमार और गिरिराज सिंह पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह कृत्य शर्मनाक है और भारत की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है। एनसीपी (एसपी) सांसद फौजिया खान ने कहा कि किसी महिला का नकाब हटाना उसके सम्मान और निजी स्वतंत्रता पर हमला है और मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने गिरिराज सिंह की टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताते हुए सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सिंह के बयान को मानसिक असंतुलन का संकेत बताया।
वरिष्ठ लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पर्दा प्रथा के विरोधी होने के बावजूद वह किसी महिला के साथ ऐसा व्यवहार स्वीकार नहीं कर सकते और नीतीश कुमार को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी बयान जारी कर इसे महिला की गरिमा, स्वायत्तता और पहचान पर हमला बताया। संगठन ने कहा कि किसी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा ऐसा व्यवहार समाज में भेदभाव को सामान्य बनाता है और धार्मिक स्वतंत्रता की बुनियाद को कमजोर करता है।
कुल मिलाकर, नकाब विवाद अब सिर्फ एक घटना नहीं रह गया है, बल्कि महिलाओं के अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता और सत्ता की संवेदनशीलता पर बड़े राष्ट्रीय विमर्श का रूप ले चुका है।