मस्कट: भारत ने ओमान के साथ हाल ही में हुए कम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) में घरेलू किसानों और MSMEs के हितों की रक्षा करते हुए कई संवेदनशील वस्तुओं पर कोई आयात-रियायत नहीं देने का निर्णय लिया है। यह कदम उन क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जो घरेलू उत्पादन और रोजगार के लिए महत्वपूर्ण हैं।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि संवेदनशील वस्तुओं को एक्सक्लुशन कैटेगरी में रखा गया है और इन पर कोई छूट नहीं दी गई। वहीं, जिन वस्तुओं का ओमान में निर्यात बढ़ाने का भारत के लिए अवसर है और जो भारत के लिए संवेदनशील हैं, उनके लिए tariff-rate quota (TRQ) आधारित छूट का प्रावधान किया गया है। TRQ प्रणाली के तहत निर्धारित कोटा तक आयात शुल्क में छूट मिलेगी, इसके बाद सामान्य शुल्क लागू होगा।
CEPA के तहत कुछ प्रमुख बिंदु:
डेयरी उत्पाद: दूध, पनीर, मक्खन, घी, दही और डेयरी स्प्रेड को बाहर रखा गया।
अनाज: गेहूं, चावल, मक्का और बाजरा भी छूट सूची में नहीं।
सब्जियां: टमाटर, प्याज, लहसुन, फूलगोभी, बैंगन, भिंडी, कद्दू आदि पर कोई छूट नहीं।
तेल और बीज: सोयाबीन, सरसों, मूँगफली, सूरजमुखी का तेल; सोयाबीन, सरसों, तिल और प्राकृतिक शहद शामिल।
ओमान से विशेष लाभ: डेट्स पर सालाना 2,000 टन का ड्यूटी-फ्री कोटा। मार्बल ब्लॉक्स का आयात भी भारत को अनुमति।
प्रोसेस्ड प्रोडक्ट्स: मीठे बिस्कुट, रस्क, टोस्टेड ब्रेड, पेस्ट्री, केक, पापड़, कुत्ते और बिल्लियों के भोजन पर चरणबद्ध आयात शुल्क समाप्त किया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि यह कदम घरेलू उत्पादन और रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है, ताकि संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।