IPO को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जाता है। यह भी माना जाता है कि IPO से आसानी से मुनाफा कमाया जा सकता है। हाल ही में कई IPO ने शानदार रिटर्न दिया है, जिस वजह से इस विषय पर काफी चर्चा हुई। हालांकि IPO में निवेश कर नुकसान होने की घटनाएं भी कम नहीं हैं। 23 दिसंबर को सूचीबद्ध होते ही KSH International ने निवेशकों को नुकसान में डाल दिया।
शेयर अपने IPO इश्यू प्राइस से 4 प्रतिशत कम पर सूचीबद्ध हुआ। इश्यू प्राइस 384 रुपये था, लेकिन उस दिन NSE और BSE पर यह 370 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ। ग्रे मार्केट का रुझान भी यही संकेत दे रहा था। लिस्टिंग से ठीक पहले KSH International का GMP (ग्रे मार्केट प्राइस) –2 रुपये था।
KSH International IPO: इस IPO की सब्सक्रिप्शन अवधि 16 से 18 दिसंबर तक खुली थी। शुरुआत में 710 करोड़ रुपये जुटाने के लिए IPO लाया गया था। इसमें 420 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू शामिल था। ऑफर फॉर सेल (OFS) 290 करोड़ रुपये का था। इस IPO को केवल 83 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिला था।
उस समय SEBI ने कुछ कदम उठाए ताकि सब्सक्रिप्शन कम से कम 90 प्रतिशत तक पहुंच सके। इसके लिए सेबी की ओर से कुछ विकल्प दिए गए थे। उनमें शामिल थे-ऑफर फॉर सेल (OFS) का आकार कम किया जाएगा। सब्सक्रिप्शन की अवधि बढ़ाई जाएगी। प्राइस बैंड घटाया जाएगा। यदि कोई भी विकल्प स्वीकार नहीं किया जाता, तो IPO को वापस लेना पड़ता और सभी निवेशकों को पैसा लौटाना होता।
कंपनी की ओर से पहला विकल्प चुना गया। इसके बाद कंपनी ने OFS का हिस्सा घटा दिया। पहले यह 290 करोड़ रुपये था, बाद में इसे घटाकर 224.4 करोड़ रुपये कर दिया गया। फ्रेश इश्यू में कोई कटौती नहीं की गई। इस कदम के बाद KSH International का सब्सक्रिप्शन रेट 90 प्रतिशत तक पहुंच गया।
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