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'भारत केवल AI तकनीक अपनाए नहीं, बल्कि उसका नेतृत्व करे': गौतम अडानी ने युवा भारत को प्रेरित किया

AI में नेतृत्व को बाहरी स्रोतों पर नहीं छोड़ा जा सकता क्योंकि ऐसे संसार में जहाँ बुद्धिमत्ता आर्थिक शक्ति और राष्ट्रीय प्रभाव को तेजी से आकार दे रही है, विदेशी एल्गोरिदम पर निर्भरता जोखिम भरी है।

By डॉ. अभिज्ञात

Dec 28, 2025 17:38 IST

बारामती (महाराष्ट्र) : 'भारत एक नए तकनीकी युग के द्वार पर खड़ा है, जहाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) भविष्य की दिशा तय करेगी। इस परिवर्तन में युवा शक्ति सबसे बड़ी ताकत है, जो विचार से निर्माण तक की यात्रा तय करेगी। अब समय है कि भारत केवल तकनीक अपनाए नहीं, बल्कि उसका नेतृत्व करे।' यह कहना है अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी का। युवा भारत को संबोधित करते हुए गौतम अडानी ने रविवार को अगली पीढ़ी के भारतीयों से आह्वान किया कि वे आगे बढ़ें और AI के युग का नेतृत्व करें।

एनएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के बारामती में विद्या प्रतिष्ठान के शरद पवार सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (CoE-AI) के उद्घाटन अवसर पर छात्रों और शोधकर्ताओं को संबोधित करते हुए अडानी ने कहा कि भारत एक ऐसे निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है, जहाँ प्रौद्योगिकी, प्रतिभा और राष्ट्रीय उद्देश्य को एक साथ आगे बढ़ना होगा। AI का यह युग आपकी क्षमता की मांग कर रहा है। स्वतंत्र रूप से सोचने की क्षमता, अपने हाथों से सृजन करने की क्षमता और भारत को नई दिशा देने की क्षमता। भारत की स्थायी शक्ति लोगों, संस्थानों और दीर्घकालिक दृष्टि के समन्वय में निहित है। यही स्पष्टता अब इस बात का मार्गदर्शन करे कि युवा भारतीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता को कैसे अपनाएँ, निष्क्रिय उपभोक्ता के रूप में नहीं, बल्कि क्षमता के निर्माता और नेता के रूप में।

AI को लेकर मौजूद चिंताओं को स्वीकार करते हुए गौतम अडानी ने श्रोताओं को याद दिलाया कि इतिहास आश्वासन देता है। औद्योगिक क्रांति से लेकर भारत के डिजिटल परिवर्तन तक, हर बड़े तकनीकी बदलाव ने मानव क्षमता का विस्तार किया है। AI इसे और आगे ले जाएगी क्योंकि यह बुद्धिमत्ता और उत्पादकता को सीधे आम नागरिकों के हाथों में रखेगी, जिससे हर पृष्ठभूमि के युवाओं के लिए विकास में भागीदारी के नए रास्ते खुलेंगे। AI में नेतृत्व को बाहरी स्रोतों पर नहीं छोड़ा जा सकता क्योंकि ऐसे संसार में जहाँ बुद्धिमत्ता आर्थिक शक्ति और राष्ट्रीय प्रभाव को तेजी से आकार दे रही है, विदेशी एल्गोरिदम पर निर्भरता जोखिम भरी है। डेटा, निर्णय-निर्माण और क्षमता को राष्ट्रीय हितों में निहित रहना चाहिए। स्वदेशी AI मॉडल, मजबूत कंप्यूट क्षमता और सुदृढ़ इंटेलिजेंस इकोसिस्टम का निर्माण भारत की आर्थिक सुरक्षा, सांस्कृतिक आत्मविश्वास और रणनीतिक स्वतंत्रता के लिए आवश्यक है।

इस दृष्टि को संदर्भ में रखते हुए गौतम अडानी ने वैश्विक एआई इकोसिस्टम में अडानी समूह की बढ़ती भूमिका की ओर संकेत किया। विविध क्षेत्रों में कार्यरत यह समूह डेटा सेंटर, डिजिटल अवसंरचना और स्वच्छ ऊर्जा में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है, जो कंप्यूट को शक्ति प्रदान करती है। इसके चलते गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे वैश्विक प्रौद्योगिकी नेताओं की निरंतर भागीदारी देखने को मिल रही है क्योंकि भारत एआई-आधारित विकास के एक गंभीर केंद्र के रूप में उभर रहा है।

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