उन्नाव: उन्नाव दुष्कर्म मामले की पीड़िता ने रविवार को उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट उसे न्याय देगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें निष्कासित भाजपा नेता कुलदीप सिंह सेंगर की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित कर दिया गया था।
एएनआई से बातचीत में पीड़िता ने कहा कि मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि वह मुझे न्याय देगा। मैं हर महिला की तरफ से आवाज उठा रही हूं। अगर सीबीआई ने पहले कार्रवाई की होती तो मुझे पहले ही न्याय मिल गया होता क्योंकि उसने मेरे साथ दुष्कर्म किया था, उसकी जमानत खारिज हो जाती। मेरे पिता की हत्या हुई, मेरे परिवार के सदस्यों की जान गई। मेरे परिवार और गवाहों की सुरक्षा हटा ली गई। मेरे पति को नौकरी से निकाल दिया गया। मेरे बच्चे घर में सुरक्षित नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट 29 दिसंबर को सीबीआई की उस अपील पर सुनवाई करेगा, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबित करने के फैसले को चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायाधीश भारत, न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन जजों की वकेशन बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी। शुक्रवार को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल की थी, जिसमें 23 दिसंबर 2025 के दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसके तहत सेंगर की आजीवन कारावास की सजा को अपील लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया और कुछ शर्तों के साथ उन्हें जमानत दे दी गई।
कुलदीप सिंह सेंगर को दिसंबर 2019 में उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराया गया था और उन्हें 25 लाख रुपये के जुर्माने के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हालांकि इस मामले में जमानत मिलने के बावजूद वे जेल में ही रहेंगे क्योंकि वे एक अन्य सीबीआई मामले में हत्या से जुड़े 10 साल की सजा काट रहे हैं।