नई दिल्लीः वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की संगठनात्मक क्षमता से जुड़े बयान पर उठे विवाद के बाद उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी है। दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट किया कि उनके बयान को जानबूझकर तोड़ा-मरोड़ा गया और कांग्रेस पार्टी पूरी तरह एकजुट है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी नेहरू-गांधी परिवार के भीतर फूट डालने की कोशिश कर रही है।
ANI से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि “विचारधारा में कोई मतभेद नहीं है। हम सभी कांग्रेसजन एकजुट हैं। नेहरू–गांधी परिवार ऐसा परिवार है, जिसमें दो लोगों ने शहादत दी है। इस परिवार के भीतर फूट डालने की भाजपा की कोशिशों की मैं कड़ी निंदा करता हूं। राहुल गांधी ने संगठन को मजबूत करने की पहल जिला स्तर से नीचे तक शुरू की है। इसकी प्रक्रिया चल रही है और यह जल्द पूरी होगी।”
उन्होंने आरएसएस को लेकर अपने रुख पर भी दो टूक सफाई दी। दिग्विजय सिंह ने कहा, “मेरी बात को गलत समझा गया। मैंने ‘संगठन’ की ताकत की बात की है, विचारधारा की नहीं। मैं आरएसएस और मोदी जी का विरोधी था, हूं और रहूंगा। क्या संगठन को मजबूत करना और उसकी सराहना करना गलत है?”
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर 1990 के दशक की एक पुरानी श्वेत-श्याम तस्वीर साझा की थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी दिखाई दे रहे हैं। इस पोस्ट में उन्होंने संगठन की ताकत के जरिए शीर्ष तक पहुंचने की प्रक्रिया का जिक्र किया था।
अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने दिग्विजय सिंह की टिप्पणी से जुड़े विवाद पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का पुराना इतिहास आतंकियों और कट्टरपंथी ताकतों के साथ खड़े रहने का रहा है। कांग्रेस में अगर कोई नेता कुछ सकारात्मक कह भी दे तो पार्टी के भीतर ही उसे दबा दिया जाता है। उन्होंने कांग्रेस को “राजनीतिक दल नहीं बल्कि राष्ट्रविरोधियों का गिरोह” करार दिया।
वहीं, तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष एन रामचंदर राव ने इसे कांग्रेस का आंतरिक मामला बताते हुए कहा कि भाजपा हमेशा अपने कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने के अवसर देती है।
कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि दिग्विजय सिंह पार्टी की लाइन से पूरी तरह जुड़े हैं और इस मुद्दे को बेवजह तूल दिया जा रहा है।
वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि दिग्विजय सिंह के बयान को उसके संदर्भ में समझा जाना चाहिए और कांग्रेस आरएसएस के रास्ते पर नहीं चलना चाहती।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी विवाद को अनावश्यक बताते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह आरएसएस के लगातार विरोधी रहे हैं, इसलिए इस पर ज्यादा हंगामे की जरूरत नहीं है।