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राष्ट्रीय राजमार्ग पर दुर्घटना में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर मिलेंगे 25,000 रुपये का इनाम, गडकरी ने की घोषणा

‘गुड समैरिटन’ लोगों को नकद पुरस्कार देने के साथ-साथ सरकार की ओर से उनकी तस्वीरें और उनके साहसिक कदमों का विवरण भी सार्वजनिक किया जाएगा।

By अरिंदम बंद्योपाध्याय, Posted by डॉ.अभिज्ञात

Dec 28, 2025 12:14 IST

नई दिल्लीः देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर हर साल औसतन 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इनमें औसतन 1 लाख 80 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से कम से कम 50 हजार घायल ऐसे होते हैं, जिनकी मौत केवल इसलिए हो जाती है क्योंकि उन्हें समय पर नजदीकी अस्पताल नहीं पहुंचाया जा पाता। इसकी बड़ी वजह कानूनी झंझटों और पुलिस की कथित परेशानियों का डर है, जिसके कारण बहुत-से लोग घायल को देखकर भी आगे नहीं बढ़ते।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि ‘गुड समैरिटन’-यानी जो लोग अपनी पहल पर घायलों को अस्पताल पहुंचाते हैं उन्हें किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जा सकता। लेकिन सर्वे रिपोर्ट से साफ है कि इसका अपेक्षित असर नहीं हुआ है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में एक सर्वे कराया था, जिसमें ये आंकड़े सामने आए। इसके बाद मंत्रालय ने फैसला किया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसी भी सड़क दुर्घटना के बाद यदि कोई व्यक्ति दुर्घटनास्थल से घायल को बचाकर नजदीकी अस्पताल पहुंचाता है तो उसे 25,000 रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा।

उस सर्वे में यह भी सामने आया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में 18 से 34 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की संख्या कुल का लगभग 60 प्रतिशत है। कई मामलों में देखा गया है कि तरह-तरह की परेशानियों के डर से गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को तुरंत नजदीकी अस्पताल नहीं ले जाया जाता। नतीजतन, जिनकी जान बचाई जा सकती थी, उनमें से भी कई की मौत हो जाती है। यदि घायलों को थोड़े समय के भीतर अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो हर साल कम से कम 50,000 लोगों की जान बचाई जा सकती है। इन्हीं तथ्यों के आधार पर सरकार ने नकद पुरस्कार की योजना शुरू करने का विचार किया है।

‘गुड समैरिटन’ लोगों को नकद पुरस्कार सौंपने के साथ-साथ सरकार उनकी तस्वीरें और उनके साहसिक प्रयासों का विवरण भी प्रकाशित करेगी। इसके अलावा, घायल व्यक्ति के लिए सात दिनों तक मुफ्त इलाज की व्यवस्था सरकार करेगी। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के इलाज के खर्च के तौर पर संबंधित अस्पताल को अधिकतम डेढ़ लाख रुपये दिए जाएंगे। सरकारी सूत्रों के मुताबिक बहुत जल्द इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी की जाएगी। नए साल की शुरुआत में इस विषय पर देश के सभी राज्यों के प्रशासन और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक भी की जाएगी। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि घायल व्यक्ति को बचाकर अस्पताल पहुंचाने वालों को किसी भी तरह से पुलिस की ओर से परेशान न किया जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ चर्चा की जाएगी।

राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को शीघ्र उपचार दिलाने के उद्देश्य से तैयार इस योजना के तहत केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नागरिक जागरूकता बढ़ाना चाहता है। इस लक्ष्य के लिए मंत्रालय सभी राज्यों के सांसदों से सक्रिय भूमिका निभाने का अनुरोध भी करेगा। सरकारी सूत्रों का कहना है कि यदि प्रत्येक सांसद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाकर स्थानीय लोगों के बीच केंद्र सरकार की इस जनहितकारी योजना का प्रचार करें, तो देशभर के लोग आसानी से इस पहल से जुड़ेंगे और दुर्घटनाग्रस्त लोगों की जान बचाने के लिए आगे आएंगे।

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