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बंगाल सुपर लीग में मिल रही नई प्रतिभाएँ

सुंदरबन ड्रॉ पर रुका, मेदिनीपुर की पहली जीत

By पार्थ दत्त, Posted by: रजनीश प्रसाद

Dec 28, 2025 12:28 IST

जैसे जैसे दिन बीत रहे हैं, बंगाल सुपर लीग में नए प्रतिभाशाली फुटबॉलरों की खोज मिलती जा रही है। IFA के सहयोग से श्राची स्पोर्ट्स ने जिला क्लबों को लेकर पहली बार बंगाल में यह फ्रेंचाइजी लीग शुरू की है। इसमें 8 टीमें खेल रही हैं। होम और अवे आधार पर 14 राउंड की लीग खेलने के बाद शीर्ष चार टीमें नॉक आउट में जाएंगी।

दो हफ्ते की लीग के बाद मेहताब हुसैन की सुंदरबन बंगाल ऑटो एफसी टेबल टॉपर है। 5 मैचों में उनके 13 अंक हैं। उसके बाद मालदा की टीम रॉयल सिटी है। नाइजीरियन कोच शाहिद रामन के प्रशिक्षण में रॉयल सिटी के 5 मैचों में 12 अंक हैं। अगली दो टीमें हैं होसे बैरेटो की हावड़ा हुगली वॉरियर्स (4 मैचों में 9 अंक) और विश्वजीत भट्टाचार्य की नॉर्थ बंगाल यूनाइटेड (4 मैचों में 7 अंक)। आज रविवार को अगर विश्वजीत की टीम अपने घरेलू मैदान सिलीगुड़ी में जीत जाती है, तो वह तीसरे स्थान पर पहुँच जाएगी।

पहले चार राउंड जीतने के बाद शनिवार को सुंदरबन, गौतम घोष की नॉर्थ 24 परगना के खिलाफ 1-1 से बराबरी पर रुक गई। अकीब नवाब के शानदार गोल से सुंदरबन आगे हो गई थी लेकिन अंतिम क्षणों में ज्मुआन सांग्घा ने नॉर्थ 24 परगना को बराबरी दिला दी। मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी ज्मुआन ही रहे। गौतम की टीम के 5 मैचों में 7 अंक हैं।

उसी दिन मेदिनीपुर के अरविंद स्टेडियम में दूसरे मुकाबले में एफसी मेदिनीपुर ने बीरभूम कोपा टाइगर्स को 1-0 से हराया। एकमात्र गोल कर अर्पण सेठ मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बने। जयंत सेन के प्रशिक्षण में मेदिनीपुर की यह पाँचवें मैच में पहली जीत थी। बीरभूम लीग तालिका में सबसे नीचे सिर्फ 1 अंक के साथ है। इस टीम के कोच बुल्गारिया के जॉर्जी रायएव हैं।

विदेशी नहीं, बल्कि स्थानीय फुटबॉलर ही बंगाल सुपर लीग में ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। लीग के सबसे वरिष्ठ कोच विश्वजीत ने कहा कि पिछले दो हफ्तों में बहुत से नए फुटबॉलरों की पहचान हो रही है। मेरी टीम के राजिबुल, सोनम, रौनक, श्लोक और संजुरा पहले ही नजर में आ गए हैं। सुंदरबन के कोच मेहताब भी नए चेहरों को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी लीग की बहुत जरूरत थी। कोलकाता लीग में जिन्हें मौका नहीं मिला, वे लड़के यहाँ विदेशियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खेलते हुए अपने पैरों तले जमीन मजबूत कर रहे हैं। मेरी टीम के देबदूत, नव, अकीब और यासिर तो बाकायदा दबदबा दिखा रहे हैं।

इस लीग को लेकर कोचों की दो शिकायतें हैं पहली, प्री सीजन ट्रेनिंग न हो पाना और दूसरी, लगातार होम और अवे मैच खेलने से टीमों का जल्दी थक जाना। हावड़ा हुगली और रॉयल सिटी को छोड़कर बाकी 6 टीमों को अभ्यास का खास मौका नहीं मिल पाया। कोचों की सलाह है कि अगले साल से कोलकाता लीग खत्म होते ही यह लीग शुरू की जाए, ताकि खिलाड़ियों की फिटनेस की समस्या न रहे।

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