नयी दिल्लीः सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की उम्मीदें बढ़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले अक्टूबर में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मंजूरी दी है। इससे केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच नई उम्मीदें जगी हैं। इस वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य वेतन, पेंशन और विभिन्न भत्तों की पुनः समीक्षा करना होगा। इस पूरी प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है ‘फिटमेंट फैक्टर’। इसी फैक्टर पर यह निर्भर करता है कि कर्मचारियों का वेतन कितना बढ़ेगा।
फिटमेंट फैक्टर कैसे तय किया जाएगा?
विशेषज्ञों के अनुसार आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर तय करते समय कई पहलुओं पर विचार किया जाएगा। इनमें सबसे महत्वपूर्ण हैं महंगाई या मुद्रास्फीति, जीवन-यापन की लागत में वृद्धि और सरकारी खजाने की वित्तीय क्षमता।
क्लियर टैक्स की कर विशेषज्ञ चांदनी आनंदन ने बताया है कि आठवें वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर भी पहले के वेतन आयोगों की तरह कुछ मुख्य आधारों पर निर्भर करेगा। इनमें मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति, वास्तविक वेतन में कमी, सरकार की वित्तीय क्षमता और कर्मचारियों के परिश्रम से जुड़ी समग्र नीति शामिल है।
उन्होंने आगे कहा कि फिटमेंट फैक्टर का मुख्य उद्देश्य वर्तमान जीवन-यापन की लागत के अनुसार वेतन का पुनर्निर्धारण करना है। साथ ही लंबे समय में सरकारी अर्थव्यवस्था का संतुलन बनाए रखना भी जरूरी है। पिछले एक दशक में पारिवारिक खर्च काफी बढ़ गयी है। इसलिए नए आयोग के सामने वास्तविक आर्थिक परिस्थितियों और कुशल कर्मचारियों को बनाए रखने की जरूरत तथा दोनों के बीच संतुलन बनाना एक बड़ी चुनौती है।
आठवें वेतन आयोग में संभावित फिटमेंट फैक्टर कितना हो सकता है?
प्रारंभिक अनुमान के अनुसार आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर अधिकतम 2.57 तक हो सकता है। यदि यह दर लागू होती है तो लगभग एक करोड़ केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
हालांकि सरकार ने अभी तक कोई अंतिम आंकड़ा घोषित नहीं किया है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.57 के बीच हो सकता है। ये आंकड़े पिछले वेतन आयोगों के अनुभव और मुद्रास्फीति के आधार पर अनुमान लगाए गए हैं। अब इस विषय पर सरकार क्या घोषणा करती है, इस पर केंद्रीय सरकार के करोड़ों कर्मचारियों की नजर टिकी हुई है।