कासरगोड: विजिलेंस एंड एंटी-करप्शन ब्यूरो (वीएसीबी) ने केरल के कासरगोड में एक एजेंट को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर पुनः सर्वेक्षण में हुई त्रुटियों को ठीक कराने के बदले सर्वे अधिकारियों की ओर से रिश्वत स्वीकार कर रहा था। अभियुक्त की पहचान कासरगोड जिले के उदुमा निवासी हाशिम पी.एच. के रूप में हुई है। उसे शनिवार को 15,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
वीएसीबी अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ता, जो कासरगोड के पेरिया का निवासी है, 2.40 एकड़ भूमि को पुनःसर्वेक्षण के बाद गलती से 1.89 एकड़ दर्ज कर दिया गया था। करीब छह महीने पहले शिकायतकर्ता ने इस त्रुटि को सुधारने के लिए कन्हानगाड तालुक सर्वे कार्यालय से संपर्क किया था। उसी समय हाशिम ने, जो सर्वे कार्यालय के बाहर आवेदन तैयार करता है और एजेंट के तौर पर काम करता है, शिकायतकर्ता की ओर से आवेदन लिखा था। हालांकि बाद में सर्वे अधिकारियों ने स्थल निरीक्षण किया लेकिन छह महीने बीतने के बावजूद शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार शिकायतकर्ता ने देरी के बारे में पूछने के लिए दोबारा सर्वे कार्यालय का रुख किया तो उसकी मुलाकात हाशिम से हुई। आरोप है कि हाशिम ने उससे कहा कि केवल शिकायत देने से कोई नतीजा नहीं निकलेगा और अधिकारियों को पैसे दिए बिना मामला हल नहीं होगा। वीएसीबी के अनुसार हाशिम ने 30,000 रुपये की मांग की और दावा किया कि उसके अधिकारियों से अच्छे संबंध हैं और उसने पहले भी इसी तरह के मामले रिश्वत देकर सुलझाए हैं।
जब शिकायतकर्ता ने इतनी रकम देने में असमर्थता जताई, तो मांग घटाकर 20,000 रुपये कर दी गई। आरोप है कि हाशिम ने पहले किस्त के रूप में गूगल पे के जरिए 5,000 रुपये लिए और शेष 15,000 रुपये 27 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से देने को कहा। रिश्वत देने को तैयार न होने पर शिकायतकर्ता ने कासरगोड वीएसीबी के पुलिस उपाधीक्षक को इसकी जानकारी दी। शिकायत के आधार पर विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया और शनिवार शाम कन्हानगाड मिनी सिविल स्टेशन परिसर में 15,000 रुपये लेते समय हाशिम को रंगे हाथों पकड़ लिया। अभियुक्त को रविवार को अदालत में पेश किया जाएगा। वीएसीबी हाशिम और सर्वे अधिकारियों के बीच कथित संबंधों की भी जांच कर रही है।